राष्ट्रीय वन्य जीवन कार्य योजना वन्य जीवन संरक्षण के लिए कार्यनीति कार्यक्रम और परियोजना की रूप रेखा प्रस्तुत करती है। भारतीय वन्य जीवन बोर्ड (Indian Wildlife Board) जिसके अध्यक्ष प्रधानमंत्री होते हैं, वन्य जीवन संरक्षण की अनेक योजनाओं के अमलीकरण की निगरानी और निर्देशन करने वाला शीर्ष सलाहकार है आइये जानते हैं प्रमुख वन्यजीव संरक्षण परियोजना (Wildlife Conservation Project) के बारे में -
बाघ परियोजना (Tiger Project)
भारत में 1 अप्रैल 1973 को बाघ परियोजना का शुभारम्भ हुआ इसका उद्देश्य बाघों की गिरती संख्या को रोकना तथा पारिस्थितिकिय संतुलन बनाए रखने के लिए उसकी संख्या में वृद्धि करना था
एक्शन टाइगर्स प्रोजेक्ट (Action Tigers Project)
विश्व के कई वन्यजीव संगठनों ने बाघ के अस्तित्व को बचाने के लिए यह योजना शुरू की है सरिस्का अभ्यारण्य से शुरू हुई यह योजना बाधाें की मौजूदगी वाले सभी 12 देशों में लागू की गई है
गिद्ध संरक्षण योजना (Vulture Conservation Plan)
गिद्ध के संरक्षण के लिए हरियाणा वन विभाग तथा बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी के बीच एक सहमत-पञ पर वर्ष 2006 में हस्ताक्षर हुए इसमें गिद्धों की मृत्यु का कारण पशुओं को दी जाने वाली डाइक्लोफेनेक दवा को बताया गया है
गिर सिंह परियोजना (gir singh Project)
गुजरात के जूनागढ में 1412 वर्ग किमी में विस्तृत यह एक उद्यान है जहॉ शेर पाए जाते है गिर अभ्यारण्य को वर्ष 1973 में राष्ट्रीय उद्यान धाेषित किया गया था
हाथी परियोजना (Elephant Project)
हाथी दॉत की अधिक कीमत होत के कारण अवैधानिक रूप से हाथियों का शिकार होता है उसकी संख्या में भारी गिरावट आने पर केन्द्र सरकार ने 7 दिसम्बर 1992 को झारखण्ड के सिंहभूमि जिले में इस परियोजना की शुरूआत की
कस्तूरी मृग परियोजना (Musk deer project)
कस्तूरी के औषधीय गुण सुगन्ध आदि के कारण इनका शिकार होता है ये विलुप्पता की कगार पर पहुॅच गए इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए इण्टरनेशनल यूनियन फॉर कन्जर्वेशन ऑफ नेचर के सहयोग से उत्तराखण्ड के केदारनाथ अभ्यारण्य में 1970 के दशक में यह परियोजना शुरू की गई कस्तूरी मृग के लिए शिकारी देवी अभ्यारण्य (हिमाचल प्रदेश) तथा बद्रीनाथ अभ्यारण्य (उत्तरखण्ड) है
हंगुल परियोजना (Hangul project)
यूरोपियन रेंडियर प्रजाति का यह हिरण वर्तमान में केवल दाचीगाम राष्ट्रीय उद्यान में ही बचा है इसके संरक्षण एवं प्रसार हेतु वर्ष 1970 में हंगुल परियोजना शुरू की गयी
लाल पाण्डा परियोजना (Red Panda Project)
यह पूर्वी हिमाचल क्षेत्र में 1500-4000 मी की ऊचाई पर पाया जाता है अरूणाचल प्रदेश में कैट बीयर के नाम से जाना जाता है इनकी कम होती जा रही जनसंख्या के कारण वर्ष 1996 में विश्व प्रकृति विधि के सहयोग से पद्माजानायडू हिमाचयन जन्तु पार्क के लाल पाण्डा परियोजना की शुरूआत की थी
मणिपुर थामिन परियोेजना (Manipur Thomin project)
लोकटक झील के दक्षिण-पूर्वी भाग में पाए जाने वाले विश्व के इस दुर्लभ स्तनधारी के संरक्षण हेतु वर्ष 1977 में इस परियोजना की की शुरूआत की थी
गैंडा परियोजना (Rhino Project)
केवल भारत में पाये जाने वाले एक सींग वाले गैण्डे के सींग की अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में भारी कीमत है क्योकि उससे कामोत्तोजक औषधियॉ बनाई जाती है इस कारण गैण्डे का अवैध शिकार होता है जिससे इनकी संख्या काफी कम हो गयी है इसके संरक्षण के लिए वर्ष 1987 में गैण्डे परियोजना की शुरूअात की गई है
कछुआ संरक्षण परियोजना (Turtle Conservation Project)
ऑलिव रिडले ओडिशा के समुद्र तट के पर पाए जाते है कीमती दवाओं में प्रयोग होने के कारण इनकी संख्या में गिरावट आई जिसे देखते हुए ओडिशा सरकार ने वर्ष 1987 में कटक जिले में भितरकनिका अभ्यारण्य में इसके संरक्षण के लिए योजना प्रारम्भ की
घडियाल प्रजनन परियोजना (Crocodile breeding project)
घडियाल की गिरती हुई संख्या को देखने हुए वर्ष 1975 में भारत सरकार ने संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम की सहायता से ओडिशा के तिकरपाडा स्थान से घडियाल प्रजनन योजना का शुभारम्भ किया
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