ईश्वर चन्द्र विद्यासागर भारत के प्रसिद्ध समाज सुधारक, शिक्षा शास्त्री थे आइये जानते हैं ईश्वर चन्द्र विद्यासागर के अनमोल विचार -
ईश्वर चन्द्र विद्यासागर के प्रेरणादाायक विचार -inspiring thoughts of Ishwar Chandra Vidyasagar
- अपने हित से पहले, समाज और देश के हित को देखना एक विवेक युक्त सच्चे नागरिक का धर्म होता है
- दुसरो के कल्याण से बढ कर, दुसरा और कोई नेक काम और धर्म नही होता
- जो मनुष्य संयम के साथ, विर्द्याजन करता है, और अपने विद्या से सब का परोपकार करता है। उसकी पूजा सिर्फ इस लोक मे नही वरन परलोक मे भी होती है
- संयम विवेक देता है, ध्यान एकाग्रता प्रदान करता है। शांति, सन्तुष्टी और परोपकार मनुष्यता देती है
- जो नास्तिक हैं उनको वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भगवान में विश्वाश करना चाहिए इसी में उनका हित है
- विद्या" सबसे अनमोल 'धन' है; इसके आने मात्र से ही सिर्फ अपना ही नही अपितु पूरे समाज का कल्याण होता है
- संसार मे सफल और सुखी वही लोग हैं, जिनके अन्दर "विनय" हो और विनय विद्या से ही आती है
- समस्त जीवोंं मेंं मनुष्य सर्वश्रेष्ठ बताया गया है; क्यूंकि उसके पास आत्मविवेक और आत्मज्ञान है
- कोई मनुष्य अगर बङा बनना चाहता है, तो छोटे से छोटा काम भी करे, क्यूंकि स्वावलम्बी ही श्रेष्ठ होते है
- मनुष्य कितना भी बङा क्यो न बन जाए उसे हमेशा अपना अतीत याद करते रहना चाहिए
- जो व्यक्ति दुसरो के काम मे न आए, वास्तव मे वो मनुष्य नही है
- अगर सफल और प्रतिष्ठित बनना है, तो झुकना सीखो। क्यूंकि जो झुकते नही, समय की हवा उन्हे झुका देती है
- एक मनुष्य का सबसे बङा कर्म दुसरो की भलाई, और सहयोग होना चाहिए; जो एक सम्पन्न राष्ट्र का निमार्ण करता हैै
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