कार्ल लैंडस्टीनर (karl landsteiner) जिन्हें को रक्त समूह (Blood group) का जनक माना जाता है, अभी हाल ही में इनका 148 वॉ जन्मदिन (148th Birthday) मनाया गया है, आईये जानते हैं कार्ल लैंडस्टीनर बायोग्राफ़ी हिंदी में - karl landsteiner biography in Hindi
Key facts about Karl Landsteiner in Hindi - कार्ल लैंडस्टीनर के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य
- कार्ल लैंडस्टीनर (karl landsteiner) जिन्हें को रक्त समूह का जनक माना जाता है 14 जून 1868 को कार्ल लैंडस्टीनर का जन्म वियना, ऑस्ट्रिया (Vienna, Austria) में हुआ था उस समय में ऐसा माना जाता था कि मनुष्य में दो तरह का रक्त होता है एक अच्छा और एक बुरा
- लेकिन बाद में कार्ल लैंडस्टीनर ने यह प्रमाणित किया कि समी मनुष्यों का खूून (Man's blood) एक तरह का ही होता है उन्होने खून के बारे में काफी अध्ययन किया था
- पुराने समय में किसी व्यक्ति पर खून चढाना (Blood transfusion) इतना आसान नहीं था और खून के ग्रुप का मैच न होने कारण इन्सान की मौत हो जाती थी लेकिन कभी कभी ऐसा होता था कि प्राप्त कर्ता मनुष्य केे खून का ग्रुप देने वालेे मनुष्य से मैच होता था
- कार्ल लैंडस्टीनर ने 1901 में पता लगाया कि एेेसा इसलिए होता है क्योकि जो रक्त उसको चढाया जा रहा है उस रक्त में रक्त कोशिकाओं और थक्का जमाने वाले कारकों का पूर्ण रूप से अभाव होता है और रक्त का थक्का नही जम पाता है और मनुष्य की मृत्यु हो जाती है
- इसके बाद कार्ल लैंडस्टीनर ने सिद्धांत दिया कि रक्त देने वाले की कोशिकाओं और रक्त पाने वाले की कोशिकाओं में समानता और असमानता उत्पन्न होती है इसके बाद कार्ल लैंडस्टीनर ने वियना यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल (Vienna University Hospital) में दर्जनों लोगों का खून का सेंपल लिया और उस खून के सेंपल से आर.वी.सी को रक्त से अलग किया
- उसके बाद उन्होने सैकडोंं खून के सेंपल से उन्हें क्रॉस चैक किया और उन्होने पाया कि कुछ नमूनों में खून थक्कों में बदल जाता था और कुछ में कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई
- वर्ष 1907 में लैंडश्टाइनर की खोज को सार्वजनिक किए जाने के चार साल बाद न्यूयॉर्क के सेनाई हॉस्पिटल (Sinai Hospital) में डॉक्टर र्यूबिन ओटनबर्ग (Rubin Attenborough) ने पहले आधुनिक ब्लड ट्रांसफ्यूजन को अंजाम दिया
- वर्ष 1902 में लैंडश्टाइनर ने वियना इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरैंसिक मैडिसिन (Vienna Institute of Forensic Medicine) के मैक्स रिक्टर के साथ मिलकर एक लैक्चर दिया और उसमें बताया कि इस तकनीक के द्वारा हम अपराधों को भी हद तक हल कर सकतेे हैंं जहॉ अपराध हुआ हैै वहॉ से खून के सूखे हुऐ धब्बे लाकर इस विधि के द्वारा खून का ग्रुप बताया जा सकता है
- कार्ल लैंडस्टीनर ने खून के ग्रुप की खोज ताेे की लेकिन उन्हें ये नहीं पता था ये ग्रुप पीढी दर पीढी आगे बढता है
- इसके बाद एमिल प्रफाइहर फॉन डंजर्न (Emil von Prfaihr Dnjrn) और लुड्विक हर्षफैल्ड (Ludwik Hrshfald) ने वर्ष 1910 के आसपास बताया कि ब्लड ग्रुप्स वंशानुक्रमण आगेे बढते हैं
- कार्ल लैंडस्टीनर को 1930 शरीर विज्ञान के लिए नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize) भी दिया गया था
- 26 जून 1943 में कार्ल लैंडस्टीनर की मृत्यु उनकी लैब में हो गई
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