खिलजी वंश (Khilji vansh) केे संस्थापक जलालुद्दीन खिलजी (Jalaluddin Khilji) ने अपना जीवन एक सैनिक के रूप में शुरू किया था ख़िलजी क़बीला लंबे समय से अफ़ग़ानिस्तान में बसा हुआ था, लेकिन अपने पूर्ववर्ती ग़ुलाम वंश की तरह यह राजवंश भी मूलत: तुर्किस्तान का था आइये जानते हैंं - important information about Khilji dynasty (Alauddin Khilji) in Hindi - खिलजी वंश (अलाउद्दीन खिलजी) के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी
important information about Khilji dynasty (Alauddin Khilji) in Hindi - खिलजी वंश (अलाउद्दीन खिलजी) के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी
- खिलजी वंश (Khilji Vansh) का संस्थापक जलालुद्दीन फिरोज खिलजी (Jalaluddin Firuz Khilji) था
- जलालुद्दीन फिराेज खिलजी ने बलबनी वंश के शासक शम्सुद्दीन की हत्या कर दिल्ली की राजगद्दी पर अपना अधिकार कर लिया था
- जलालुद्दीन फिरोज खिलजी का राजतिलक कैकुबाद (Qaiqabad) द्वारा बनाये गये किलोखरी केे महल में हुआ था
- जलालुद्दीन फिरोज खिलजी ने अपनी राजधानी किलोखरी को बनाया
- जलालुद्दीन फिरोज खिलजी लम्बे समय तक दिल्ली में दिल्ली केे सरदार और नगरिकों के विरोध के भय से प्रवेश नहीं कर पाया था
- जलालुद्दीन फिरोज खिलजी के समय मंगोल नेता हलाकूू के पौत्र अब्दुल्ला ने भारत पर आक्रमण किया था
- 19 जुलाई 1296 ई० जलालुद्दी्न खिलजी की हत्या उसकेे दामाद और भतीजे अलाउद्दीन खिलजी ने कर दी
- जलालुद्दीन खिलजी (Jalaluddin Khilji) की हत्या इलाहाबाद केे निकट कडा नामक स्थान पर हुई थी
- 19 जुलाई 1296 ई० को अलाउद्दीन खिलजी ने राजछत्र धारण करके अपने को सुल्तान धोषित कर दिया
- अलाउद्दीन खिलजी (Alauddin Khilji) का राजभिषेक 3 अक्टूबर 1296 ई० का बलबन के दिल्ली स्थित लाल किले में हुई थी
- अलाउद्दीन खिलजी (Alauddin Khilji) के बचपन का नाम अली तथा गुरशास्प था
- अलाउद्दीन खिलजी ने सिकन्दरसानी या द्वतीय सिकन्दर की उपाधि धारण की थी
- अलाउद्दीन खिलजी सल्तनत का पहला सुल्तान थ्ाा जिसने स्थायी सेना रखी थी
- अलाउद्दीन खिलजी ने आर्थिक मामलों से संंवन्धित दिवान-ए-रियासत की स्थापना की थी
- अलाउद्दीन खिलजी भारत का पहला मुस्लिम शासक था जिसने भूमि पर वास्तविक आय पर राजस्व निर्धारित किया था
- अलाउद्दीन खिलजी ने घर और झोपडी कर लगाया था
- दक्षिण भारत पर पहला तुर्की अाक्रमण अलाउद्दीन खिलजी नेे कराया था
- चितौड के राजा राणा रत्न सिंह की अनुपम सुन्दर रानी पद्मिानी को प्राप्त करने के लिए अलाउद्दीन खिलजी ने चितौड पर आक्रमण किया था
- अलाउद्दीन खिलजी के दरवार में अमीर खुसरो नामक फारसी कवि था
- तोता-ए-हिन्द के नाम से प्रसिद्ध अमीर खुसरो ने सितार का आविष्कार किया था
- अलाउद्दीन खिलजी ने सैनिक धोडाेेंं को दागने की प्रथा प्रचलित की थी
- अलाउद्दीन खिलजी ने सैनिकों काेे नगद वेतन देने की व्यवस्था की थी
- अलाउद्दीन खिलजी ने कम तौलने वाले केे शरीर से मॉस काट लेने की आज्ञा दी थी
- अलाउद्दीन खिलजी की मृत्यु 1 जनवरी 1316 ई० में हुई थी
- अलाउद्दीन खिलजी ने अलाई दरवाजा, हौजखास, सीरी फोर्ट, जमैयत खाना, मस्जिद तथा हजार खम्भा महल का निर्माण कराया था
- अलाउद्दीन खिलजी (Alauddin Khilji) ने अपना उत्तराधिकरी शिहाबुुद्दीन उमर को बनाया था
- मुबारक खिलजी ने शिहाबुद्दीन खिलजी को अन्धा कराकर कैद में डलवा दिया था
- 19 अप्रैल 1316 ई० केा मुबारक खिलजी कुतुबुद्दीन खिलजी के नाम से दिल्ली के सिंहासन पर बैठा था
- मुबारक खिलजी की हत्या उसके वजीर खुसरो ने की
- खुसरो 15 अप्रैल 1320 ई० में नासिरूद्दीन खुसरो शाह के नाम से दिल्ली की राजगद्दी पर बैठा था
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