अथर्ववेद (Atharvaved) की रचना अथर्वा ऋषि (Atharva Rishi) द्वारा की गई थी इसके दूूसरे वाचक अंगिरस ऋषि (Angers Rishi) थे आइये जानते हैं अथर्ववेद के बारे में अधिक जानकारी -
Important information about the Atharvaved in Hindi - अथर्ववेद के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी
- अथर्ववेद में 20 मंडल 731 सूूक्त तथा 5839 मंत्र हैंं
- अथर्ववेद की इन ऋचाओं का उल्लेख करने वाले ऋषि को ब्रम्हा कहा जाता हैै
- अथर्ववेद में औषिधि प्रयोग, तंंत्र-मंंत्र, जादू-टोना, रोगनिवारण, तथा वशीकरण जैसे विषयों का विवरण है
- अथर्ववेद को ब्रह्म विषय होने के कारण इसे 'ब्रह्मवेद' भी कहा गया है
- अथर्ववेद में परीक्षित को कुरुओं का राजा कहा गया है
- ऋग्वेद के दार्शनिक विचारों का प्रौढ़रूप इसी वेद से प्राप्त हुआ है
- अथर्ववेद में सर्वाधिक उल्लेखनीय विषय 'आयुर्विज्ञान' है
- अथर्ववेद में 'जीवाणु विज्ञान' तथा 'औषधियों' आदि के विषय में जानकारी भी दी गई है
- अथर्ववेद में ऋग्वेद और सामवेद से भी मन्त्र लिये गये हैं
- ऋग्वेद के उच्च कोटि के देवताओं को अथर्ववेद में गौण स्थान प्राप्त हुआ है
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