गुलाम वंश मध्यकालीन भारत (Medieval India) का एक राजवंश था इस वंश की स्थापना कुतुबुद्दीन ऐबक की थी जिसे मोहम्मद ग़ौरी ने पृथ्वीराज चौहान (Prithvi Raj Chauhan) को हराने के बाद नियुक्त किया था आइये जानते हैं गुलाम वंश केे बारे में और अधिक जानकारी -
Important Fact about slave Dynasty in Hindi - गुलाम वंश के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य
- गुलाम वंश की स्थापना कुतुबुद्दीन ऐबक ने 1206 ई० में की थी
- इसने अपनी राजधानी लाहौर में बनायी थी
- ऐबक के राजवंश को कुतुबी राजवंश के नाम से भी जाना जाता था
- कुतुबुद्दीन ऐबक मुहम्मद गोरी का गुलाम था
- इसेे 1206 में मुहम्मद गोरी ने मालिक की उपाध्ाि से विभूषित किया था
- कुतुबुद्दीन ऐबक का राज्यभिषेेक 24 जून 1206 ई० में लाहौर में हुआ था
- मुहम्मद गोरी के उत्तराधिकारी ग्यासुद्दीन ने ऐबक को सुल्तान, छात्र, राजकीय पताका एवं नक्कारा भेंट किया था
- भारत में तुर्की राज्य का वास्तविक संस्थापक कुतुबुद्दीन ऐबक को माना जाता है
- भारत में स्वतन्त्र मुस्लिम राज्य का संस्थापक कुतुबुद्दीन ऐबक को माना जाता है
- कुतुबुद्दीन ऐबक को अपनी उदारता एवं दानी होने के कारण लाखबख्स कहा जाता था
- कुतुबुद्दीन ऐबक के दरवार में हसन निजामी एवं फख-ए-मुुदब्बिर अदि प्रमुख्ा विद्वान थे
- कुव्वत-उल-इस्लाम, अढाई दिन का झोपडा तथा कुतुबमीनार का निर्माण कुतुबुद्दीन ऐबक ने कराया था
- कुतुबुद्दीन ऐबक की मृत्यु 1210 ई० में चौगान खेलते समय धोडे से गिरने से होगई थी
- कुतुबुद्दीन ऐबक की मृृत्यु लाहौर हुई थी
- कुतुबुद्दीन ऐबक के बाद उसका पुत्र आरामशाह राजगद्दी पर बैठा था
- आरातशाह काेे बन्दी बनाकर इल्तुतमिश ने हत्या करवा दी थी
- इल्तुतमिश 1211 ई० में राजगद्दी पर बैैठा था
- इल्तुतमिश राजा बनने से पहले बदायॅूू का सबेदार था
- इल्तुतमिश ने दिल्ली को अपनी राजधानी बनाया था
- इल्तुतमिश का पूरा नाम शम्स-उद-दीन इल्तुतमिश था
- इल्तुतमिश कुतुबुद्दीन ऐबक का गुलाम और उसका दामाद था
- इल्तुतमिश प्रथम मुस्लिम शासक था जिसने शासन व्यवस्था में सुधार करने का प्रयास किया था
- इल्तुतमिश पहला तुर्क शासक था जिसने शुद्ध अरबी सिक्के चलवाये थे
- इल्तुतमिश ने चॉदी के टका तथा ताॅॅबे के जीतल का प्रचलन किया एवं दिल्ली में टकसाल की स्थापना की थी
- इल्तुतमिश ने ही इक्ता व्यवस्था की स्थापना की थी इक्सा का अर्थ है धन के स्थान पर तनख्वाह के रूप में भूमि प्रदान करना
- इल्तुतमिश ने ही भारत मेें पहला मकबरा बनवाया था
- अजमेर की मस्जिद का निमार्ण इल्तुतमिश ने करया था
- कुतुबुमिनार का पूरा काम इल्तुतमिश ने कराया था
- बयाना पर आक्रमण करने के लिए जाते समय मार्ग में इल्तुतमिश बिमार पड गया और 30 अप्रैल 1236 मेंं इल्तुतमिश की मृत्यु हो गई
- इल्तुतमिश को भारत गुम्बद निमार्ण का पिता माना जाता है
- इल्तुतमिश ने अपना उत्तराधिकरी अपनी पुत्री रजिया को नियुक्त किया था
- इल्तुतमिश की मृृत्युु के बाद उसके सीमान्तों ने उसके पुत्र रूकनुद्दीदीन फिरोजशाह को 1236 ई० में सिंहासन पर बैठाया था
- रजिया सुल्तान दिल्ली की जनता और तुर्की अमीरों के सहयोग से 1236 ई० में दिल्ली के सिहसान पर बैठी थी
- रजिया पर्दाप्रथा त्यागकर पुरूषों की तरह चोगा एवं कुलाह पहलकर राजदरबार में खुले मुॅह से जाने लगी
- रजिया धोडे पर सवार होकर युद्ध मैदान में जाने लगी थी
- दिल्ली सल्तनत की प्रथम महिला शासिका रजिया थी
- रजिया सुल्तान की पतन का महत्वपूर्ण कारण उसका स्त्री होना था
- 1240 ई० में में तबरहिन्द के अक्तादार अल्तुनिया के विद्रोह को कुचलने के लिए रजिया को बन्दी बना लिया गया था
- और इसके बाद दिल्ली के सिंहसान पर इल्तुतमिश के तीसरे पुुत्र मुईजुद्दीन बहरामशाह को बिठाया था
- तबरहिन्द के अक्तादार अल्तुनिया से विवाह कर रजिया ने पुन: दिल्ली के सिंहसान पर कब्जा कर लिया
- बहरामशाह ने कैथल के निकट दोंनों की हत्या हिन्दूू डाकुुआें से करवा दी थी
- 1242 ई० में तुर्की अमीरों ने बहरामशाह को कैद कर मौत के घाट उतार दिया था
- उसके स्थान पर उन्होने रूकनुद्दीन फिरोजशाह के बेटे मसूदशाह को दिल्ली की राजगद्दी पर बैठाया
- 1246 ई० मेेंं तुर्की अमीरों ने मसूदशाह काेे बन्दी बना लिया और उसके स्थान पर इल्तुतमिश के बेटे नसीरूद्दीन महमूूद को 10 जून 1246 ई ० में दिल्ली की गद्दी पर बैठाया था
- बलवन नेे अपनी लडकी विवाह 1249 ई० मेंं नसीरूद्दीन महमूूद से किया था
- 1266 ई ० में नसीरूद्दीन महमूद की अकस्मात मौत के बाद बलबन को उसका उत्तराधिकारी बनाया था
- नसीरूद्दीन महमूद ऐसा सुल्तान था जो टोपी सीकर अपना जीवन-निर्वाह करता था
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