प्राचीन भारत के राजवंशों में से एक था कुषाण वंश। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि कुषाण वंश को चीन से आए युएझ़ी लोगों ने बनाया था, आईये जानते हैं Important information about the Kushan dynasty in Hindi - कुषाण वंश के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी -
Important information about the Kushan dynasty in Hindi - कुषाण वंश के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी
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- कुषाण चीन के पश्चिमोत्तर प्रदेश में निवास करने वाली यू-ची जाति थी
- यू-ची कबीले ने शकों से ताहिआ क्षेत्र को जीता लिया
- 72 ई० में कनिष्क कुषाण साम्रा्ज्य का शासक बना
- कनिष्क कुषाण वंश का सबसे प्रतापी शासक था
- विम कडफिसेस केे बाद कनिष्क ने राज्य सभाला था
- कनिष्क का राज्यभिषेेक 78 ई० में हुआ था
- इसनेे अपनी राजधानी पुरूषपुर को बनाया था
- इसके राज्य की दूसरी राजधानी मथुरा थी
- शक सम्वत् की शुरूआत कनिष्क ने की थी
- कनिष्क ने कश्मीर को जीतकर वहॉ कनिष्कपुर नामक नगर की स्थापना की थी
- कनिष्क बौद्ध धर्म की महायान शाखा का अनुयायी था
- कनिष्क के प्रचार के लिए कनिष्क को द्वतीय अशोक भी कहा जाता हैै
- कनिष्क दरवार के महान साहित्यकार तथा कवि अश्वघोष थे
- अश्वघोष द्वारा लिखित बुद्धचरित की तुलना वाल्मीकी रामायण से की जाती है
- कनिष्क के दरवार में महान दार्शनिक एवं वैज्ञानिक नागार्जुन थे
- नागार्जुन को भारत का आइन्सटाइन कहा जाता है
- कनिष्क के राजवैध आयुर्वेद के महापण्डित चरक थे
- चरक ने औषधि पर चरकसंहिता नामक ग्रंथ की रचना की थी
- कनिष्क के युग में ही गांधार कला, सारनाथ कला, मथुुरा कला तथा अमरावती कला का विकास हुआ था
- गांधार कला में ही सबसे पहले बुद्ध की मूर्तियों का निर्माण हुआ था
- वासुदेव कुषाण वंश का अंतिम शासक था
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