सिंधु घाटी सभ्यता ( sindhu ghati sabhyata) विश्व की प्राचीन नदी घाटी सभ्यताओं में से एक प्रमुख सभ्यता थी यह हड़प्पा सभ्यता और सिंधु-सरस्वती सभ्यता के नाम से भी जानी जाती है आइये जानते हैंं सिंधु घाटी सभ्यता के बारे में अधिक जानकारी-
Harappa Sabhyata Information in hindi - हडप्पा सभ्यता के बारे में जानकारी
- भारत की प्रथम सभ्यता सिन्धु घाटी सभ्यता हैै
- सिन्धु सभ्यता की खोज ब्रिटिश अधिकारी सर जॉन मार्शल (Sir John Marshall) के संरक्षण मेे राय बहादुर साहनी (Rai Bahadur Sahni) व राखल दास बनर्जी (Rakl Das Banerjee) द्वारा 1921-22 ई० में की गयी थी
- मोहनजोदडों (Mohenjodaro) के टीलों जिसे मृतको का टीला कहा जाता है की खाेेज 1922 में राखल दास बनर्जी नेे की थी
- चन्हूूदडों नगर (Cnhuddon city) की खोज सर्वप्रथम 1931 ई० में गोपाल मजूमदार (Gopal Majumdar) ने की थी
- लोथल (Lothal) की खुदाई 1957-58 में रंगनाथ राव नेे कराई थी
- रोपड (Ropar) की खुदाई 1953-56 ई० में यज्ञदत्त शर्मा ने कराई थी
- कालीबंगा (Kalibangan) की खुदाई 1953 मेंं बी०बी० लाल एवं बी०के० थापर (B.K.Thapar) द्वारा कराई गई थी
- बनवाली (Banwali) की खुदाई 1953 में बी०बी० लाल एवं बी०के० थापर द्वारा कराई गई थी
- सुरकोटडा (Surkotda) की खोज 1927 ई० में ऑरेन स्टाइन ने की थी
- रंगपुरा (Rngpura) की खुदाई 1951-53 ई० में माधोस्वरूप वत्स बी० बी० लाल एस आर० राव ने कराई थी
- सिन्धु सभ्यता को वर्तमान मेेंं हडप्पा सभ्यता कहा जाता हैै
- हडप्पा सभ्यता को ऋग्वेद में हरियूपिया कहा जाता है
- सिन्धु का बाग हडप्पा सभ्यता में मोहनजोदडो के पुरास्थल को कहा जाता है
- हडप्पा सभ्यता के सम्पूर्ण क्षेेत्र का आकार त्रिभुजाकार था
- हडप्पा सभ्यता की मुद्राऍ मिट्टी से बनाई जाती थी
- हडप्पा सभ्यता की मुद्राऍ आयताकार थी
- अधिकतर हडप्पाई मुुहर पर सॉड का चित्र बना हुआ था
- सिन्धु सभ्यता को सिन्धु घटी सभ्यता हडप्पा सभ्यता तथा नागरीय सभ्यता कहा जाता हैै
- सिन्धु सभ्यता के अधिकांंश नगर नदियों के किनारे बसे थे
- सिन्धु सभ्यता में कालीबंंगा से नक्काशीदार ईटों के प्रयुक्त होने का प्रमाण मिलता हैै
- सिन्धु सभ्यता की सबसे बडी इमारत मोहनजोदडो का अन्नागार है
- सिन्धु सभ्यता में प्रयुक्त ईटों की लम्बाई और चौडाई तथा ऊॅचाई का अनुपात क्रमश: 4:2:1 था
- मेलुहा सिन्धु क्षेेत्र का पुराना नाम था
- सबसे पहले सिन्धु सभ्यता के दो प्रमुख स्थल हडप्पा तथा मोहनजोदडो मिले थे
- हडप्पा नगर रावी नदी के किनारे स्थित था
- लोथल भोगवा नदी केे किनारे स्थित था
- मोहनजोदडो सिन्धु नदी केे किनारे स्थित था
- स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद हडप्पा सभ्यता के सबसे अधिक स्थल गुजरात में खोेजे गये थे
- हडप्पावासी फिनीशिया के मूल निवासी थे
- सर्वप्रथम कपास उपजानेे का श्रेय हडप्पावासियों को जाता हैै
- मोहनजोदडाेे में विशाल स्नानगार स्थित है
- अण्डाकार शव के अवशेष सुरकोतडा से मिलते हैै
- एक कब्र में दो शव आपस में लिपटे हुए लोथल से मिले हैं
- मोहनजोदडो से नर्तकी की एक कांस्य मूर्ति मिली थी
- पुजारी का सिर मोहनजोदडो से मिला है
- सिन्धु सभ्यता का प्रधान बन्दरगााह लोथल था
- सिन्धु सभ्यता के लोगों ने नगरोंं तथा घरो के विन्यास के लिए ग्रीड पदृति अपनाते थे
- सिन्धु सभ्यता केे निवासी शाकाहारी और मासाहारी दोनों ही प्रकार का भोजन करते थे
- सिन्धु सभ्यता के निवासी सूती तथा ऊनी दोनोंं प्रकार के वस्त्र पहनते थे
- सिन्धुु सभ्यता के मानव आवागमन के लिए दो पहियेे एवं चार पहियोंं वाली वैैल गाडियों का प्रयोग करतेे थे
- सिन्धु सभ्यता केे निवासी मनोरंजन के लिए शतरंज, संगीत, नृत्य, तथा जुआ आदि खेलतेे थे
- सिन्धु सभ्यता के निवासी मातृदेवी और शिवलिंग के उपासना करतेे थे
- सिन्धु सभ्यता के लोग धरती को उर्वरता की देवी मानकर उपासना करतेे थे
- वृक्ष पूजा और शिव पूजा के प्रचलन के साक्ष्य भी सिन्धु सभ्यता से मिलते है
- स्वास्तिक चिन्ह हडप्पा सभ्यता की देन है
- पशुओं में कूूबड वाला सॉड इस सभ्यता के लोगों के लिए विशेष पूजनीय था
- सिन्धुवासी वैल काेे शक्ति का प्रतीक मानतेे थे
- सिन्धुवासियों को घोडेे का ज्ञान नहीं था
- मनकेे बनाने के कारखाने लोथल एवंं चन्हुदडो से प्राप्त हुऐ हैं
- मोहनजोदडो में घोडेे के दॉत के अवशेष मिले हैै
- मोहनजोदडो से सीप का तथा लोथल से हाथी दॉत से निर्मित एक-एक पैमाना मिला हैै
- लोथल में घोडे की लघु मृण्मूर्तियों के अवशेष मिले हैं
- कालीबंंगा से जुते हुए खेत का साक्ष्य मिला हैै
- लोथल से चावल के प्रथम साक्ष्य मिले हैै
- सिन्धु सभ्यता केे लोग काले रंग से डिजाइन किए हुए लाल मिट्टी् के बर्तन बनातेे थे
- सिन्धु सभ्यता केे लोग तलवार से परिचित नहीं थे
- कालीबंगा एकमात्र हडप्पाकालीन स्थल था जिसका निचला शहर भी किलेे से घिरा हुआ था
- पर्दा-प्रथा एवं वेश्यावृत्ति सैधव सभ्यता में प्रचलित थी
- शवों काेे गाडने और जलाने की दाेेनों ही प्रथाऐं प्रचलित थी
- कालीबंंगा और लोथल में हवनकुुण्ड के प्रथम साक्ष्य मिले थे
- मेहरगढ से भारत में कृषि का प्राचीनतम् साक्ष्य मिला था
- सिन्धुवासी तॉबा धातु का प्रयोग ज्यादा करतेे थे
- सिन्धुवासी को लोहा धातु का ज्ञान नहीं था
- घरों के दरवाजे और खिडकीयॉ सडक की ओर न खुल कर पिछवाडे की ओर खुलते थेे
- केवल लोथल नगर के घरों के दरवाजे सडक की ओर खुलते थे
- सिन्धुवासी मिठास शहद का प्रयोग करतेे थे
- मोहनजोदडो की सडकों की लम्बाई 400 मीटर तथा चौडाई 10 मीटर थी
- सिन्धुवासी का प्रमुख पेशा कृषि तथा पशुपालन था
- हडप्पावासी सुमेर देश से व्यापार करतेे थे
- सिन्धु सभ्यता केे विनाश केे लिए वाढ, सूखा या विदेशी आक्रमण को जिम्मेदार ठहराया जाता है
- प्रथम बार कांस्य के प्रयोग के कारण इसे कांस्य सभ्यता भी कहा जाता है
sindhu ghati sabhyata in hindi, sindhu sabhyata ki kahani, harappa sabhyata history in hindi, harappa sabhyata information in hindi,
Good information
ReplyDelete