Mughal Administration System in India in Hindi - जानें कैसी थी भारत में मुगलकालीन शासन व्यवस्था
- अकबर द्वारा करोडी नामक अधिकारी की नियुक्ति 1573 ई० में की गई थी इसे अपने क्षेेत्र से एक करोड दाम वसूल करना होता था
- अकबर ने दहसाला नाम की नवीन कर प्रणाली प्रारम्भ की थी इस व्यवस्था को टोडरमल बन्दोबस्त भी कहा जाता था इस व्यवस्था के अन्तर्गत भूमि को चार भागों में विभाजित बाटा गया था
- पोजल - इसमें नियमित रूप से खेती होती थी
- परती - इस भूमि पर एक या दो वर्ष के अन्तराल पर खेेती होती थी
- चाचर - इस पर तीन या चार वर्ष के अन्तराल पर खेती होती थी
- बंजर - यह खेती योग्य भूमि नहीं थी इस पर लगान नहीं वसूला जाता था
- भूमि की पैमाइश हेेतु इलाही गज का प्रयोग किया जाता था
- मंत्रिपरिषद् को विजारत कहा जाता था
- बाबर केे समय में बजीर पद काफी महत्वपूर्ण था
- साम्राट केे बाद शासन के कार्यों को संचालित करने वाला सबसे महत्वपूर्ण अधिकारी वकील होता था
- औरंगजेब के समय में असद खान ने सर्वाधिक 31 बर्षोंं तक दीवान केे पद पर कार्य किया था
- मीर बख्शी के द्वारा सरखत नाम के पत्र पर हस्ताक्षर के बाद ही सेना को हर माह वेतन मिल पाता था
- लगानहीन भूमि का निरीक्षण सद्र करता था
- सम्राट केे घरेलू विभागों का प्रधान मीर-ए-समां कहलाता था
- सूचना एवं गुप्तचर विभाग का प्रधान दरोगा-ए-डाक चौकी कहलाता था
- प्रशासन की सबसे छोटी इकाई ग्राम थी जिसे मावदा या दीह कहते थे मावदा के अन्तर्गत छोटी-छोटी बस्तियों को नागला कहा जाता था
- शाहजहॉ के शासनकाल में सरकार एवं परगना के मध्य चकला नाम की एक नई इकाई की स्थापना की गई थी
- मुर्शीद कुली खॉ को दक्षिण का टोडरमल कहा जाता था
- मुगलकाल में तीन प्रकार केे धातुु के सिक्के प्रचलित थे -
- सोने की मुहर
- चॉदी की मुहर
- तॉबे के दाम
- मुगल बादशाह अकबर ने जलाली नामक चौकाेेर आकार का रूपया चलाया था
- मुगलकाल में स्वर्ण का सर्वाधिक प्रचलित सिक्का इलाही तथा सबसे बडा सिक्का का प्रचलन करवाया था
- मुगल बादशाह शाहजहॉ ने रूपये और दाम के बीच एक नये आना सिक्केे का प्रचलन करवाया था
- मुगल काल में सर्वाधिक रूपये की ढलाई मुगल बादशाह औरंगजेब के शासन काल में हुई थी
- मुगल काल में किसान तीन प्रकार केे हाते थेे
- खुदकाश्त - ये किसान उसी गॉव की भूमि पर खेती करते थे जहॉ के निवासी थे
- पाही काश्त - ये दूसरे गॉव जाकर कृृषि कार्य करते थे
- मुजारियन - खुदकाश्त किसान से भूमि किराए पर लेकर कृषि कार्य करते थेे
- जहॉगीर ने अपनेे समय में सिक्कों पर अपनी आकृति बनवायी थी साथ ही अपनी और नूूरजहॉ का नाम भी अंकित कराया था
- मुगलकालीन अर्थव्यवस्था का अाधार चॉदी का सिक्का था
- दैनिक लेन-देन के लिए तॉबे के दाम का प्रयोग होता था एक रूपये में 40 दाम होतेे थेे
- मुगलकालीन सैन्य व्यवस्था पूर्णत: मनसबदारी प्रथा पर आधारित थी इसे अकबर ने प्रारंभ किया था
- यह प्रथा मंगोल नेता चंगेेज खाॅॅ की दशमलव प्रणाली पर आधारित थी
- मुगल बादशाह अकबर ने दाग प्रथा काेे प्रारम्भ किया था
- मुगलकालीन सेना चार भागों में विभक्त थी -
- पैदल सेना
- घुुडसवार
- तोपखाना
- हस्ति सेना
- अकबर के समय में जल सेना के प्रधान को अमीर-उल-बहर कहा जाता था
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