important information about Jahangir in Hindi - जहॉगीर केे बारे में महत्वपूर्ण जानकारी
- जहाॅॅगीर का जन्म 30 अगस्त 1569 ई० को फतेेहपुर सीकरी में स्थित शेख सलीम चिश्ती की कुटिया में हुआ था
- जहाॅॅगीर की माता का नाम मरियम उज्जमानी था
- जहॉगीर केे बचपन का नाम सुल्तान मुहम्मद सलीम था
- बादशाह अकबर ने अपने पुत्र का नाम फतेहपुर सीकरी केे शेख सलीम चिश्ती कि नाम पर रखा था
- सलीम के शिक्षक के रूप अकबर ने में बैरम खॉ के पुुत्र अब्दुर्रहीम खानखाना की नियुक्ति थी
- सलीम की शादी 13 फरवरी 1585 ई० को आमेर के राजा भगवान दास की पुत्री मानबाई से हुई थी
- सलीम ने मानबाई को शाह बेगम की उपाधि प्रदान की थी
- अकबर ने अपने उत्तराधिकरी के रूप में सलीम को 21 अक्टूबर 1605 ई० को नियुक्ति किया था
- सलीम का राज्यभिषेेक 3 नबम्बर 1605 ई० को अागरा के किले में हुअा था
- राज्यभिषेेक के बाद मुहम्मद सलीम ने नुरूद्दीन मुहम्मद जहॉगीर बादशाह गाजी की उपाधि धारण की थी
- जहॉगीर की न्याय से सम्बन्धित न्याय की जंजीर विख्यात है
- जहॉगीर के पॉच पुत्र थे - 1. खुसरो 2. परवेज 3. खुर्रम 4. शहरयार 5. जहॉदार
- यह जंंजीर सोनेे की बनींं थी जो आगरे के किले के शाहबुर्ज एवं यमुना-तट पर स्थित पत्थर के खम्भे में लगवाई हुई थी
- जहॉगीर के बडे बेटे खुसरो की सहायता करने के कारण जहॉगीर के सिखों के पॉचवे गुुरू अर्जुन देव को फॉसी दिलवा दी थी
- अहमदनगर के वजीर मलिक अम्बर के विरूद्ध सफलता से खुश होकर जहॉगीर ने खुर्रम को शाहजहॉ की उपाधि प्रदान की थी
- जहॉगीर ने 1611 ई० में मेहरून्निसा से शादी कर ली थी
- जहॉगीर से शादी करने से पूर्व मेेहरून्निसा अलीकुली बेग की बेगम थीं
- अलीकुुली की मृत्यु के बाद महरून्निसा को अकबर की विधवा सलीमा बेगम की सेेवा के लिए नियुक्ति किया गया था
- जहॉगीर ने शादी के बाद महरून्निसा को नूरमहल एवं नूरजहॉ की उपाधि प्रदान की थी
- लाडली बेगम जो अलीकुली खाॅॅ और महरून्निसा की पुत्री थी जिसकी शादी जहॉगीर केे दूसरेे बेटे शहरयार से हुई थी
- नूरजहॉ की मॉ अस्मत बेगम ने गुलाब से इत्र निकालने की विधि को खोजा था
- जहाॅॅगीर द्वारा शुरू की गई तुजुके जहॉगीरी नामक आत्मकथा काे मौतिबिन्द खॉ ने पूरा किया था
- जहॉगीर की पत्नी मानबाई की मृत्यु 1604 ई० में हुई थी
- महावत खॉ ने झेलम नदी के तट पर 1626 ई० में जहॉगीर, नूरजहॉ, एवं उनके भाई आसफ खॉ को बन्दी बना लिया था
- जहॉगीर के दरबार में विलियम हॉकिन्स, विलियम फिंच, सर टॉमस रो, एडवर्ड टैरी आदि यूरोपीय यात्री आये थे
- जहॉगीर के समय को चित्रकला का स्वर्णकाल कहा जाता है
- उस्ताद मन्सूर को नादिर-अल-उस एवं अबुल हसन को नादिरूज्जामा की उपाधि जहॉगीर ने प्रदान की थी
- जहॉगीर ने संंस्कृत के कवि जगन्नाथ को पंडितराज की उपाधि दी थी
- इत्मादुद्दाैैला का मकबरा तथा जहॉगीर का मकबरा नूरजहॉ ने बनवाया था
- जहॉगीर की मृत्यु 28 अक्टूबर 1627 ई० को भीमवार नामक स्थान पर हुई थी
- जहॉगीर शव को रावी के तट पर शहादरा में दफनाया गया था
- जहॉगीर की मृत्यु के बाद उसका पुत्र शाहजहॉ उसका उत्तराधिकारी हुआ
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