मुंशी प्रेमचंद (Munshi Premchand) एक महान कहानीकार (Story writer), उपन्यासकार (novelist) रहे हैं, मुंशी-प्रेमचंद. हिन्दी साहित्य (Hindi literature) के सबसे लोकप्रिय लेखकों में से एक हैं, 31 जुलाई को इनका जन्मदिन (Birthday) मनाया जाता है, आईये जानते हैं मुँशी प्रेमचन्द का जीवन परिचय (Premchand's Biography) -
Munshi Premchand Biography in Hindi - मुंशी प्रेमचंद की जीवनी
- प्रेमचंद का जन्म 31 जुलाई 1880 को उत्तर प्रदेश में वाराणसी (Varanasi) शहर से 4 मील दूर एक छोटेे से गॉव लमही में एक गरीब परिवार में हुआ था
- इनका पूरा नाम धनपत राय श्रीवास्तव था
- इन्हें नवाब राय के नाम से भी जाना जाता था
- उनकी माता का नाम आनन्दी देवी था तथा पिता का नाम मुंशी अजायबराय था
- इनके पिता लमही में डाकमुंंशी थे
- प्रेमचंद की माता का देहांत उस समय हो गया था जब उनकी आयु सात वर्ष की थी
- प्रेमचंद जब चौदह वर्ष के आयु के हुऐ तब उनके पिता का देहांत हो गया था
- प्रेमचंद का पहली शादी पंद्रह साल की उम्र में हुई थी
- और उनकी दूसरी शादी एक बाल-विधवा शिवरानी देवी से वर्ष 1910 को हुआ थी
- प्रेमंंचद्र जी के तीन संतानें थी 1. श्रीपत राय 2. अमृत राय 3. कमला देवी श्रीवास्तव
- प्रेमचंद ने अपना लेखन कार्य "जमाना पत्रिका" से शुरू किया था
- मुंशी प्रेमचंद का आखिरी उपन्यास "मंगल सूत्र" था
- जो उनके निधन होने बाद उनके पुत्र अमृृत राय द्वारा पूरा किया गया था
- प्रेमचंद जी की सबसे पहली कहानी "सौत" थी जो सरस्वती नामक पत्रिका में 1915 में प्रकाशित हुई थी
- और इनकी अंतिम कहानी "कफन" थी जो उन्होंने 1936 में प्रकाशित हुई थी
- मुंशी प्रेेमचंद का निधन 8 अक्टूबर 1936 को एक लंबी बीमारी के कारण हुआ था
- मुंशी प्रेमचंद की याद में भारतीय डाक विभाग ने 31 जुलाई, 1980 को उनकी जन्मशती के अवसर पर 30 पैसे मूल्य का एक डाक टिकट जारी किया
- प्रेमचंद जी के पुत्र अमृत राय ने अपने पिता की जीवनी "कलम का सिपाही" के नाम से लिखी थी
Munshi Premchand's Writings - मुंशी प्रेमचंद की रचनाएँ
- गोदान (Godan)
- निर्मला (Nirmala)
- कफ़न (kafan)
- ईदगाह (Idgaah)
- सेवासदन (Sewasdn)
- शतरंज के खिलाड़ी (shatranj ke khiladi)
- पूस की रात (Poos ki raat)
- दो बैलों की कथा (Do belon ki katha)
- प्रेमाश्रम (Premasrm)
- नमक का दरोगा (Namak ka daroga)
- पंच परमेश्वर (Panch Parmeshwar)
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Bhartiya sabhyata ke anusar ke lekhak hai
ReplyDeleteयह लेख एक भारतीय सभ्यता के अनुसार थे
ReplyDeleteप्रेमचंद जी की जयंती पर बहुत अच्छी जानकारी का संकलन
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