भारत में अंग्रेजाें ने बहुत समय राज किया था सबसे पहले अंग्रेज भारत में व्यापार की नीति से आये थे लेकिन बाद में यहॉ राजकरने लगे तो आइये जानते थेे भारत में अंग्रेजों के आगमन के बारे में -
Arrival of the British in India in Hindi - अंग्रेजों का भारत में आगमन
- सबसे पहले जॉन मिल्डेन हाल (John Milden Hall) ब्रिटिश यात्री थल मार्ग से 1599 ई० को भारत आया था
- भारत में ईस्ट इण्डिया कंपनी की स्थापना अंंग्रेज व्यापारियों ने 31 दिसम्बर 1600 ई० में की थी
- शुरूआत में ईस्ट इण्डिया कंपनी में 217 साझीदार थे
- ईस्ट इण्डिया कंपनी का पहला गर्वनर टॉमस स्मिथ था
- इंग्लैण्ड के राजा जेेम्स प्रथम से आज्ञा पत्र लेकर मुगल बादशाह जहॉगीर के दरबार में कैप्टन हॉकिन्स को 1608 ई० को भेजा था
- अंग्रेजोंं ने सर्वप्रथम 1611 ई० में पुसलीपट्टम में व्यापारिक कोठी की स्थापना की थी
- मुगल बादशाह जहॉगीर ने 1613 ई० में एक फरमान जारी कर अंग्रेजों को सूरत में थाॅॅमस एल्डवर्थ के अधीन व्यापारिक कोठी खोलने की इजाजत दी थी
- गोलकुुण्डा के सुल्तान ने अंग्रेजों को एक सुनहरा फरमान दिया जिसके अनुसार अंग्रेज सुल्तान को 500 पैगोडा बार्षिक कर देकर गोलकुण्डा राज्य के बन्दरगाह पर स्वंतंत्रतापूर्वक व्यापार कर सकते थे
- पूर्वी भारत में अंग्रेजों ने अपना पहला कारखाना उडीसा में 1633 ई० में खोला था
- पुर्तगाली राजकुमारी कैथरीन ऑफ ब्रेेग्रेन्जा एवं ब्रिटेेन के राजकुमार चार्ल्स द्वतीय का विवाह 1661 ई० में हुआ था
- इस अवसर पर पुर्तगालीयों ने चार्ल्स द्वतीय को बम्बई दहेज स्वरूप दे दिया था
- चार्ल्स द्वतीय ने बम्बई को 10 पौण्ड के बार्षिक किराये पर ईस्ट इंडिया कंपनी को दे दिया था
- अंंग्रेजों ने पश्चिमी तट का मुख्यालय सूरत हटाकर बम्बई को बनाया था
- गोराल्ड औगियर ने बम्बई शहर की स्थापना की थी बह सूरत के प्रेसीडेंट और बम्बई के गर्वनर थे
- बंगाल के शासक शाहशुजा ने सर्वप्रथम 1651 ई० में अंंग्रेजों को व्यापारिक छूट की अनुमति दी इस अनुमति को निशान कहते थे
- ईस्ट इंडिया कंपनी (East India Company) ने तीन गॉव सुतानुती, कालीकट एवं गोविन्दपुर की जमींदारी 1200 रूपये का भुगतान कर प्राप्त कर ली
- इसके बाद यहॉ पर फोर्ट विलियम (Fort William) का निर्माण किया
- र्चाल्स आयर फोर्ट विलियम के प्रथम प्रेसिडेन्ट हऐ
- बाद में यही कलकत्ता नगर कहलाया जिसकी नींव जॉर्ज चॉर्नाक (George Charnak) ने रखी थी
- ईस्ट इंडिया कंंपनी और उसके व्यापार की देखभाल गवर्नर इन काउंसिल करता था
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