महान स्वतंत्रता सेनानी एंव समाज सुधारक मदनमोहन मालवीय (Madan Mohan Malviya) पूरे भारत में एक अकेले ऐसे व्यक्ति थे जिन्हे महामना की उपाधि से सम्मानित किया गया आइये जानते हैं - महामना मदनमोहन मालवीय के बारेे में महत्वपूूर्ण जानकारी - important information about Madan Mohan Malviya in Hindi
मदन मोहन मालवीय का जीवन परिचय - Biography of Madan Mohan Malviya
- महामना मदनमोहन मालवीय का जन्म इलाहाबाद के एक ब्राह्मण परिवार में 25 दिसंबर 1861 को हुआ था.
- इनके पिता का नाम ब्रजनाथ मालवीय (Brajnath Malviya) तथा माता का नाम मूनादेवी था
- पं मदनमोहन मालवीय के पारिवार की आर्थिक दशा अच्छी नहीं थी
- इसी कारण मदनमोहन मालवीय जी ने अपने परिवार की सहायता के लिए सरकारी हाईस्कूल में शिक्षक के पद पर कार्य करना आरम्भ कर दिया
- इसके बाद मानवीय जी ने वकालत का कार्य शुरू किया और 1893 ई. में इलाहाबाद हाईकोर्ट में वक़ील के रूप में अपना नाम दर्ज करा लिया
- मदनमोहन मालवीय जी का विवाह 16 वर्ष की अवस्था में मीरजापुर के पं. नन्दलाल जी की पुत्री कुन्दन देवी के साथ हुुआ था
- मालवीय जी वर्ष 1886 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के दूसरे अधिवेशन में सम्मिलित हुए थे
- मालवीय जी वर्ष 1909, 1918, 1930 और 1932 में कांग्रेस अध्यक्ष चुने गए थे
- मालवीय जी तीन बार हिन्दू महासभा के अध्यक्ष चुने गये थे
- ब्रिटिश सरकार ने मालवीय जी को वर्ष 1930 में सविनय अवज्ञा आंदोलन के समय धारा 144 के उल्लंघन करने के कारण गिरफ्तार कर लिया था
- मालवीय जी ने वर्ष 1915 में काशी हिन्दू काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (Hindu Banaras Hindu University) की स्थापना की थी
- पं मदनमोहन मालवीय जी का निधन 85 वर्ष की अवस्था में 12 नवंबर 1946 को हुआ था
- मदनमोहन मालवीय जी को उनके संघर्ष और परिश्रम के कारण डॉ. राधा कृष्णन (Dr. Radhakrishnan) ने कर्मयोगी कहा था
- मदन मोहन मालवीय जी को वर्ष 2014 में भारत के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न (Bharat Ratna) से सम्मानित किया गया
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