मलाला यूसुफ के बारे में तो हम सब जानते ही है मलाला यूसुफ (Malala Yusuf) एक पाकिस्‍तानी नागरिक हैं मलाला यूसुफ जिन्‍होंंने महिलाओं की शिक्षा के लिए मांग करने पर तालिबान की गोलियों का सामना करना पडा था इनकी इस बहादुरी के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा मलाला के 16वें जन्मदिन पर 12 जुलाई को मलाला दिवस घोषित किया गया तो आइये जानते हैं मलाला दिवस के बारे में महत्‍वपूर्ण जानकारी - Important Information about Malala Day

Important Information about Malala Day

मलाला दिवस के बारे में महत्‍वपूर्ण जानकारी - Important Information about Malala Day

मलाला का जन्म 1997 में पाकिस्तान के खैबर पख्‍तूनख्‍वाह प्रांत के स्वात जिले में हुआ इनके पिता का नाम जियाउद्दीन यूसुफजई (Jiauddin Yusufzai) और माता का नाम तोर पेकई है दसअसल तालिबान ने 2007 से मई 2009 तक स्वात घाटी पर कब्जा कर रखा था और उन्‍होंने लडकीयों का स्‍कूूल जाना बंद कर दिया था उस समय मलाला आठवीं की छात्रा थीं और उन्‍होंने लडकीयों के स्‍कूल जाने के लिए तालिबान का विरोध किया और उन्‍होंने मात्र 11 साल की उम्र में तालिबान के खिलाफ भाषण दिया जिसका शीर्षक था- हाउ डेयर द तालिबान टेक अवे माय बेसिक राइट टू एजुकेशन इसके बाद 9 अक्टूबर 2012 को खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के स्वात घाटी में तालिबान के आतंकीयों ने मलाला पर हमला कर दिया इस हमले में मलाला के सिर में गोली लगी और वह गंभीर रूप से घायल हो गई उन्‍हें इलाल के लिए ब्रिटेन के क्वीन एलिजाबेथ अस्पताल (Queen elizabeth hospital) में कराया गया

उनकी इस बहादुरी के उन्‍हेंं अंतरराष्‍ट्रीय बाल शांति पुरस्कार, पाकिस्तान का राष्ट्रीय युवा शांति पुरस्कार (2011), मलाला को साल 2013 में भी नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया था. मलाला सबसे कम उम्र की नोबेेेल पुरस्‍कार विजेता भी हैं  मलाला को 2013 में यूरोपीय यूनियन का प्रतिष्ठित शैखरोव मानवाधिकार पुरस्कार भी मिला

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