Hargobind Khorana Biography हरगोविन्द खुराना का जीवन परिचय - हरगोविन्द खुराना जी मूल के अमेरिकी वैज्ञानिक थे जिन्हें प्रोटीन संश्लेषण में न्यूक्लिटाइड की भूमिका का प्रदर्शन करने के लिए चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार दिया गया था तो आइये जानते हैं हरगोविन्द खुराना का जीवन परिचय Hargobind Khorana Biography
हरगोविन्द खुराना का जीवन परिचय - Biography of Hargobind Khorana
यह भी पढें - भारत के 10 महान वैज्ञानिकों की सूची- खुराना जी का जन्म 9 जनवरी 1922, रायपुर, मुल्तान में हुआ था यह स्थान अब पाकिस्तान में हैं
- इनके पिता का नाम लाला गणपतराय तथा माता का नाम कृष्ण देवी खुराना था
- इसने पिता पेशे से पटवारी थे
- इनकी प्रारंभिक शिक्षा गॉव के स्कूल से पूरी की हुई इसके बाद इन्होंने मुल्तान के डी.ए.वी. हाई स्कूल में भी अध्यन किया
- ये बचपन से ही एक प्रतिभावान् विद्यार्थी थे जिसके कारण इन्हें बराबर छात्रवृत्तियाँ मिलती रही
- खुराना जी ने 21 वर्ष की अवस्था में बी. एससी की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली थी इसके बाद इन्होंने एमसी की परीक्षा उत्तीर्ण की
- इसके बाद ये भारत सरकार की छात्रवृत्ति पाकर उच्च शिक्षा के लिए इंग्लैंड चले गए
- वहॉ जाकर इन्होंनें लिवरपूल विश्वविद्यालय में अनुसंधान किया और डाक्टरैट की उपाधि प्राप्त की
- इसके बाद खुराना जी स्विट्जरलैंड गए वहां के ज्यूरिख विश्वविद्यालय में वे विशेष कोर्स का अध्ययन करने लगे
- डॉ हरगोविंद खोराना ने सन 1952 में स्विस मूल की एस्थर एलिजाबेथ सिब्लर से विवाह कर लिया था
- खुराना जी को सन 1960 में ‘प्रोफेसर इंस्टीट्युट ऑफ पब्लिक सर्विस’ कनाडा में स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया
- इसके बाद खुराना जी अमेरिका चले गये वहॉ जाकर इन्होने विस्कॉसनि विश्वविद्यालय के एंजाइम शोध संस्थान के सहायक निर्देशक नियुक्त हुऐ
- खुराना जी ने एंजाइम शोध संस्थान में रहते हुए जेनेटिक कोड पर शोध कार्य किया
- इनके इस शोध में अमेरिकी वैज्ञानिक मार्शल निरेनबर्ग और डॉ रॉबर्ट डब्यू.रैले ने सहयोग किया था
- डॉक्टर खुराना ने सन 1964 में अमेरिका की नागरिकता प्राप्त की थी
- इनके इस शोध के लिए वर्ष 1968 में इन्हें चिकित्सा विज्ञान के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था
- डॉ हरगोविन्द खुराना नोबेल पुरस्कार पाने वाले भारतीय मूल के तीसरे व्यक्ति थे
- अमेरिका ने नोबेल पुरस्कार के बाद इन्हें ‘नेशनल एकेडमी ऑफ़ साइंस’ की सदस्यता प्रदान की यह सम्मान केवल विशिष्ट अमेरिका वैज्ञानिकों को ही दिया जाता है
- सन 1970 में डॉ खुराना मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एम.आई.टी.) में रसायन और जीव विज्ञान के अल्फ्रेड स्लोअन प्रोफेसर नियुक्त हुए
- तब से लेकर सन 2007 तक ये इस संस्थान से जुड़े रहे और बहुत ख्याति अर्जित की थी
- खुराना जी मृत्यु 09 नवम्बर 2011 को अमेरिका के मैसाचूसिट्स में हुई थी
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