जानें वायुमंडल और उसकी परतों के बारे में - Atmosphere and its Layers - पृथ्वी को चारों ओर से आवरण की तरह घेरे हुए हवा के विस्तृत भंडार को वायुमण्डल कहते हैं वायुमण्डल अनेक गैसों का मिश्रण है जिसमें 78 प्रतिशत नाइट्रोजन, 21 प्रतिशत ऑक्सीजन और कार्वन डाइऑक्साइड, आर्गन, हाइड्रोजन गैसें होती हैं गैसों के अतिरिक्त वायुमण्डल में जलवाष्प तथा धूल के कण उपस्थित है तो आइये जानते हैं जानें वायुमंडल और उसकी परतों के बारे में - Atmosphere and its Layers
जानें वायुमंडल और उसकी परतों के बारे में - Know About the Atmosphere and its Layers
यह भी पढें - जानें क्या होती है रडार1. क्षोभमण्डल (Troposphere)
क्षोभमण्डल यह वायुमण्डल की सबसे नीचे की परत होती है जिसकी ऊॅचाई विषुवत रेखा पर 18 किमी तथा ध्रवों पर 8 किमी है इस परत की ऊॅचाई के साथ-साथ तापमान घटाता है प्रत्येक 165 मी पर 1 सेंटीग्रेट तापमान की कमी होती है जिसे सामान्य ताप हृास भी कहते हैं ऋतु और मौसम संबन्धी सभी घटनाऐं क्षोभमण्डल में ही होती हैं क्षोभमण्डल में धूल के कणों और जलवाष्प की मात्रा अधिक होती है
2. समतापमण्डल (Stratosphere)
क्षोभमण्डल के ऊपर समतापमण्डल स्िथत है इसे ओजोनमण्डल भी कहा जाता है क्षोभमण्डल और समतापमण्डल को अलग करने वाली पर्त को क्षोभ-सीमा कहते हैं क्षोभ-सीमा पर हवा का तापमान विषुबत रेखा के ऊपर लगभग 80 डिग्री सेल्सियस और ध्रुवों के ऊपर लगभग 45 डिग्री सेल्सियस होता है समतापमण्डल 50 किमी की ऊॅचाई तक होता है समतापमण्डल में 20 किमी की ऊॅचाई तक तापमान अपरिवर्तित रहता है और इससे ऊपर 50 किमी की ऊॅचाई तक तापमान क्रमश: बढता है वायुयान इसी मण्डल में उडान भरते हैं
3. मध्यमण्डल (Mesosphere)
समतापमण्डल के ऊपर मध्यमण्डल होता है मध्यमण्डल 80 किमी की उॅचाई तक होता है मध्यमण्डल की ऊॅचाई के साथ-साथ तापमान गिरने लगता है और 80 किमी की ऊॅचाई पर ताप -100 डिग्री सेल्सियस हो जाता है
4. आयनमण्डल (Thermosphere)
मध्यमण्डल के ऊपर आयनमण्डल होता है जिसकी पृथ्वी की सतह से ऊॅचाई 500 किमी तक होती है आयनमण्डल में आयन की प्रधानता रहती है आयनमण्डल में हवा विद्युत आवेश में हाती है आयनमण्डल रेडियो तंरगों को अपने यहॉ से पृथ्वी की ओर लौटा देता है तथा पृथ्वी: ऊपर भेज देती है यदि यह पर्त नहीं होती तो दूर स्िथत देशों के रेडियो प्रसारण हम अपने रेडियो सेटों पर नहीं सुन पाते सौर पवन द्वारा अणुओं से इलेक्ट्रॉन के पृथ्क्कीकरण से आयन्स का निर्माण होता है आयनीकरण की यह प्रक्रिया तापमण्डल के निचले भाग में सम्पन्न होती है इसे आयनमण्डल कहते हैं
5. बाहिर्मण्डल (Exosphere)
वायुमण्डल की सबसे ऊपरी परत बाहिर्मण्डल कहलाती है जो 500 किमी की ऊॅचाई तक फैली है बाहिर्मण्डल में हवा अत्याधिक विरल होती है और धीरे-धीरे बाहृय अंतरिक्ष में विलीन हो जाती है इस परत में हाइड्रोजन और हीलियम गैसें विद्यमान होती है इसमें सौर विकिरण के कारण उच्च तापमान रहता है
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