बजट के बारे में कुछ रोचक बातें - Some interesting things about Budget - बजट को लेकर आम जनता की बहुत उम्मीदें होती है और ये बजट के इतिहास में दुसरी बार हो रहा है आम बजट और रेल बजट एक साथ 1 फरवरी को पेश होगें लेकिन बजट के बारे में कुछ ऐसी बातें भी है जिन्हें आप शायद ही जानते होगें तो आइये जानते हैं बजट के बारे में कुछ रोचक बातें - Some interesting things about Budget
बजट के बारे में कुछ रोचक बातें - Some interesting things about Budget
- जिस पेपर पर बजट छापा जाता है वह पहले राष्ट्रपति भवन में ही छापे जाते थे लेकिन वर्ष 1950 में ये पेपर लीक हो गये थे तब से ये पेपर मिंटो रोड स्थित सिक्योरटी प्रेस में छापे जाते हैं
- वर्ष 1980 से ये पेपर नॉर्थ ब्लॉक में प्रिंट किये जाने लगे
- वर्ष 1956 से पहले बजट केवल अंग्रेजी में तैयार किया जाता था लेकिन उसके के बाद से यह हिंदी में भी तैयार किया जाने लगा
- ऐसा कहा जाता है कि बजट छपने जाने से पहले यानि बजट पेश होने से एक सप्ताह पहले वित्त मंत्रालय में हलवा खाने की रस्म है
- इस रस्म के बाद से बजट पेश होने तक बजट से संबधित अधिकारी किसी के भी संपर्क में नहीं रहते हैं
- ये अधिकारी बजट पेश होने तक अपने परिवार से भी संपर्क नहीं कर सकते और इनके रहने का इंतजाम भी वित्त मंत्रालय में ही होता है
- बजट पेश होने तक वित्त मंत्रालय में किसी प्रकार के मोबाइल या ऐसे किसी भी उपकरण को प्रयोग करने की भी अनुमति नहीं होती है
- बजट वाले दिन संसद शुरू होने के 10 मिनट पहले कैबिनेट को बजट का सार दिखाया जाता है
- वर्ष 2001 से पहले बजट शाम को 5 बजे पेश होता था लेकिन 2001 के बाद से बजट को सुबह 11 बजे पेश किया जाने लगा
- बजट में 'अंतरिम बजट' शब्द का पहली बार प्रयोग 1948-49 के बजट में आर.शन्मुखम चेट्टी ने अपने बजट भाषण के दौरान किया था। इसके बाद से ही छोटी अवधि के बजट के लिए अंतरिम शब्द का प्रयोग किया जाने लगा
- वर्ष 2021 से बजट को पूरी तरह डिजिटल कर दिया गया है
- मोरारजी देसाई ने वित्त मंत्री के तौर पर सबसे ज्यादा 10 बार बजट पेश किया। बाद में वह देश के प्रधानमंत्री भी बने मोरारजी देसाई के बाद सर्वाधिक बजट पेश करने का रिकार्ड पी चिदंबरम के नाम है
- देश का बजट साल 1955 तक सिर्फ अंग्रेजी भाषा में ही पेश होता था, लेकिन वित्त वर्ष 1955-56 से बजट अंग्रेजी और हिंदी दोनों भाषा में छापा जाने लगा
- पंडित जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ऐसे प्रधानमंत्री थे जिन्होंने प्रधानमंत्री रहते हुऐ बजट पेश किया था वहीं केसी नेगी भारत के ऐसे वित्त मंत्री रहे जिन्होंने बजट नहीं पेश किया था
- 1999 से पहले तक आम बजट शाम 5 बजे पेश होता था लेकिन 1999 में जसवंत सिंह ने यह परंपरा बदलते हुए सुबह 11 बजे इसे पेश करने की परंपरा रखी
- साल 2016 तक फरवरी महीने के आखिरी दिन आम बजट पेश किया जाता था, लेकिन 2017 में इसे बदल कर 1 फरवरी कर दिया गया
- साल 1973-74 के बजट को भारत का ब्लैक बजट कहा जाता है, क्योंकि 1973-74 के दौरान बजटीय घाटा 550 करोड़ रुपए था
- बर्ष 2016 में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने रेल बजट और आम बजट को एक कर दिया गया था
- मोदी सरकार ने वर्ष 2015 में योजना आयोग को खत्म करके, नीति आयोग का गठन किया. इसी के साथ देश में बनने वाली पंचवर्षीय योजनाएं भी खत्म हो गई
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