जानें अमरनाथ यात्रा के बारे में - Know About Amarnath Yatra - हर वर्ष सावन के महीने के दौरान जम्मू-कश्मीर सरकार अमरनाथ यात्रा का आयोजन करती है अमरनाथ 150 फुट ऊॅची और 90 फुट लंबी एक गुफा है यह श्रीनगर के पूर्व में 145 किमी दूर स्थित हैै तो आइये जानते हैं जानें अमरनाथ यात्रा के बारे में - Know About Amarnath Yatra
जानें अमरनाथ यात्रा के बारे में - Know About Amarnath Yatra
- यह गुफा हिमालय पर्वतमाला की एक ग्लेशियल घाटी में करीब 4000 मीटर की ऊॅचाई पर स्थित है
- इस गुफा में चार हिन्दू देवताओं की आकृतियॉ वर्फ से बनती हैं
- इसमें सबसे बडी आकृति को भगवान शिव बायीं ओर की आकृति को गणेश और दायीं ओर की आकृति को पार्वती व भैरव माना जाता है
- ये आकृतियां सावन की पूर्णमासी को पूरी ऊॅचाई पर होती हैं जिससे लगभग 12-18 फुट लंबा शिवलिंग बनता है
- ऐसा माना जाता है कि इस गुफा की खोज लगभग 5000 वर्ष पहले हुई थी
- प्रतिवर्ष लगभग 3 से 4 लाख श्रद्धालु इस पवित्र गुफा के दर्शन के लिए आते हैंं
- शास्त्रों के अनुसार भगवान शिव ने पार्वती जी को इसी गुफा में अमरकथा (amar katha) सुनाई थी
- शास्त्रों में ऐसा भी कहा जाता हैै कि जब भगवान शिव ने पार्वती जी को अमरकथा सुनाने ले गये थे
- तब उन्होंने रास्ते में सबसे पहले पहलगाम (pahalgam) में अपने नंदी (बैल) का परित्याग किया
- इसके बाद चंदनबाड़ी में अपनी जटा से चंद्रमा को मुक्त किया
- शेषनाग नामक झील (sheshnag lake) पर पहुंच कर उन्होंने गले से सर्पों को भी उतार दिया
- भगवान शिव ने अपने प्रिय पुत्र श्री गणेश जी महागुणस पर्वत पर छोड़ देने का निश्चय किया
- फिर पंचतरणी नामक स्थान पर पहुंच कर भगवान शिव ने पांचों तत्वों का परित्याग किया
- ऐसा कहा जाता है कि माता पार्वती के साथ ही इस रहस्य को तोता और दो कबूतरों ने भी सुन लिया था
- यह तोता बाद में शुकदेव ऋषि (Shri Shukdev Rishi Ji) के रूप में अमर हो गए,
- जबकि गुफा में आज भी कई श्रद्धालुओं को कबूतरों का एक जोड़ा दिखाई देता है जिन्हें अमर पक्षी माना जाता है
- श्री अमरनाथ गुफा में स्थित पार्वती पीठ 51 शक्तिपीठों में से एक है
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