जानें राष्ट्रीय गीत और राष्ट्रगान के अंतर के बारे में - Know about the differencebetween the National Song and the National Anthem - राष्ट्रीय गीत और राष्ट्रीय गान तो हम बचपन से ही सुनते आ रहे हैं पर क्या आपने कभी सोचा है कि इन दोनों में क्या अंतर है जबकि दोंनों को गाया जाता है तो एक को राष्ट्रीय गीत और दूसरे को राष्ट्रगान क्यों कहते हैं अगर नहीं तो आइये जानें राष्ट्रीय गीत और राष्ट्रगान के अंतर के बारे में - Know about the difference between the National Song and the National Anthem
जानें राष्ट्रगीत और राष्ट्रगान के अंतर के बारे में - Know about the difference between the National Anthem and the National Anthem
राष्ट्रीय गीत (National anthem)
- भारत का राष्ट्रीय गीत "वंदे मातरम्" है
- इसके रचयिता बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय थे
- इसकी रचना वर्ष 1882 में की गई थी
- इसे संस्कृत और बांग्ला मिश्रित भाषा में लिखा गया था
- इसे वर्ष 1896 में पहली बार कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में गाया गया था
- इसे "जन गण मन' के लेखक राष्ट्रकवि रवींद्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore) ने स्वरबद्ध किया था
- इस गीत को भी 24 जनवरी 1950 को संविधान सभा में राष्ट्रगीत का दर्जा दिया गया था
- यह गीत स्वतंत्रता की लड़ाई में लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत था
- इस गीत को भी भारत के राष्ट्रगान 'जन-गण-मन' के बराबर का ही दर्जा प्राप्त है
- राष्ट्रगीत के पूरे संस्करण को गाने में कुल 52 सेकेंड का समय लगता है
- दरअसल पहले 'वंदे मातरम्' का कायम राष्ट्रगान के तौर पर किया गया था लेकिन कुछ मुस्लिमों ने इसका विरोध किया था जिसके बाद 'वंदे मातरम्' को राष्ट्र गान का दर्जा नहीं मिल पाया था. मुस्लिमों का कहना था कि 'वंदे मातरम्' में मां दुर्गा की वंदना की गई है और मां दुर्गा का वर्णन राष्ट्र के रूप में किया गया है लेकिन इस्लाम धर्म में किसी भी व्यक्ति या वस्तु की पूजा करना गलत माना गया है. इसलिए काफी विवादों के बाद 'वंदे मातरम्' को राष्ट्रीय गीत का दर्जा प्राप्त हुआ था.
राष्ट्रीय गान (National anthem)
- भारत का राष्ट्रीय गान "जन-गण मन" है
- इसकी रचना राष्ट्रकवि रवींद्रनाथ टैगोर जी ने की थी
- रविंद्रनाथ टैगोर जी ने राष्ट्रगान की रचना वर्ष 1911 में की थी
- इसके सबसे पहली बार 7 दिसंबर, 1911 को कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में गाया गया था
- भारत के संविधान द्वारा राष्ट्रगान को 24 जनवरी, 1950 को इसे स्वीकार किया गया था
- राष्ट्रगान के पूरे संस्करण को गाने में कुल 52 सेकेंड का समय लगता है
- राष्ट्रगान को मूल रूप से बांग्ला भाषा में लिखा गया था
- इसके बाद में इसका अनुवाद हिंदी और अंग्रेजी में भी कर दिया गया था
- पहले इसमें सिंध का भी नाम था लेकिन बाद में इसमें संशोधन कर सिंध की जगह सिंधु कर दिया गया
- क्योंकि देश के विभाजन के बाद सिंध पाकिस्तान का एक अंग हो चुका था
- राष्ट्रगान को गाने के लिए कुछ नियम बनाये गये हैं
- नियम के अनुसार जब कहीं भी राष्ट्रगान बजाया या गाया जा रहा हो तो देश के प्रत्येक नागरिक का ये कर्तव्य होता है कि वो अगर कहीं बैठा हुआ है तो उस जगह पर खड़ा हो जाए
- साथ ही नागरिकों से ये भी अपेक्षा की जाती है कि वो भी राष्ट्रगान को दोहराएं
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