कैसे हुआ था भारत में पहला लोकसभा चुनाव - How did the first Lok Sabha electionin India - चुनावों की धोषणा हो चुकी है चारों और चुनावों की बातें हो रही है प्रत्यासी अपने चुनावी क्षेत्र से अधिक से अधिक वोट प्राप्त करने के लिए पूरे प्रयास कर रहे हैं वहीं चुनाव प्रचार के लिए सोशल मीडिया का खूब सहारा लिया जा रहा है पर क्या आपने कभी सोचा है कि भारत में जब पहली बार चुनाव हुआ था तब वह कैसे हुआ था क्योंकि न तो जब सोशल मीडिया था न ही लोग इतने पढे लिखे थे तो आइये जानते हैं कैसे हुआ था भारत में पहला लोकसभा चुनाव - How did the first Lok Sabha election in India
कैसे हुआ था भारत में पहला लोकसभा चुनाव - How did the first Lok Sabha election in India
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देश में पहली बार 1951 में आम चुनाव हुए, जो 1952 तक चले. अक्टूबर 1951 में आम चुनाव की प्रक्रिया शुरू हुई जो पांच महीने तक चली और फरवरी 1952 में खत्म हुई. पहली बार जब चुनाव हुए तो कुल 4500 सीटों के लिए वोट डाले गए, इनमें से 489 लोकसभा की और बाकी विधानसभा सीटें थीं
कैसे हुई थी व्यवस्था
पहले चुनाव में ढाई लाख मतदान केंद्र बने, साढ़े सात लाख बैलेट बॉक्स बनाए गए, तीन लाख से ज्यादा स्याही के पैकटों का इस्तेमाल हुआ. इतना ही नहीं चुनाव आयोग को करीब 16000 लोगों को अनुबंध के तहत 6 महीने काम पर लगाना पड़ा. तब देश की साक्षरता काफी कम थी, इसलिए आयोग की तरफ से गांव-गांव में नुक्कड़ नाटक करवा कर लोगों को वोट डालने के लिए कहा गया. यह पहली बार था जब उम्र, लिंग के आधार पर पूरे देश में वोटर्स का डेटाबेस तैयार हुआ। देशभर में करीब साढ़े सोलह हजार क्लर्कों को छह महीनों के लिए कॉन्ट्रैक्ट पर रखा गया जिन लोगों को प्राथमिक शिक्षा तक हासिल नहीं थी। उन्हें वोट देना समझाना मुश्किल काम था। देश के तीन हजार से ज्यादा थिएटर में फिल्मों के दौरान डॉक्यूमेंट्री दिखाई जाती, जिसमें वोट देने का तरीका समझाया जाता था दूसरा बड़ा सवाल था कि वोटर कैसे अपनी पसंद का उम्मीदवार चुनेगा। तो हल निकला हर उम्मीदवार का अलग बैलेट बॉक्स होगा। वोटर बैलेट बॉक्स पर पार्टी का चिह्न देखकर अपना मतपत्र उसमें डाल देगा
कैसी थी मतदाता सूची
क्योंकि उस समय ज्यादातर महिलाएं पर्दे में रहती थीं उनकी खुद की कोई पहचान नहीं थी ऐसे में जब मतदाता सूची में नाम जोड़े गए तो महिलाओं के नाम कुछ इस तरह लिखे गए थे...राजू की मां, इरफान की जोरू...जब इस वोटर लिस्ट को चुनाव अयुक्त सुकुमार सेन ने देखा तो वे नाराज हुए उन्होंने इस तरह के 28 लाख नामों को हटाया
कितनी पार्टीयॉ और कितने प्रत्याशीयों ने आजमाई थी किस्मत
1951 के आम चुनाव में 14 राष्ट्रीय पार्टी, 39 राज्य स्तर की पार्टी और निर्दलीय उम्मीदवारों ने किस्मत आजमाई. इन सभी दलों के कुल 1874 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे थे. राष्ट्रीय पार्टियों में मुख्य तौर पर कांग्रेस, सीपीआई, भारतीय जनसंघ और बाबा साहेब अंबेडकर की पार्टी शामिल थी. इसके अलावा भी अकाली दल, फॉरवर्ड ब्लॉक जैसी पार्टियां चुनाव में शामिल हुई थीं.
किसको कितनी सीटें मिलीं थींं
लोकसभा की 489 सीटों में से 364 कांग्रेस के खाते में गई थींकांग्रेस के बाद सीपीआई दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी जिसे 16 सीटें मिलीं, सोशलिस्ट पार्टी को 12 और 37 सीटों पर निर्दलीयों ने जीत दर्ज की थी. भारतीय जनसंघ ने 94 सीटों पर चुनाव लड़ा और तीन ही सीटें जीतीं.
रोचक बातें
1952 पहले चुनाव में ढाई लाख मतदान केंद्र बने, साढ़े सात लाख बैलेट बॉक्स बनाए गए, तीन लाख से ज्यादा स्याही के पैकटों का इस्तेमाल हुआ. इतना ही नहीं चुनाव आयोग को करीब 16000 लोगों को अनुबंध के तहत 6 महीने काम पर लगाना पड़ा.
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