जानें कैसे होता है तूफानों का नामकरण - how do storms get their names - बंगाल की खाड़ी से उठे चक्रवाती तूफान 'फानी' (Fani) तेज़ी से उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ रहा है इसका केंद्र चेन्नई से 810 किलोमीटर पूर्व-दक्षिणपूर्व की ओर और मछलीपट्टनम (आंध्रप्रदेश) से 950 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपूर्व में है फेनी तूफान को यह नाम बांग्लादेश ने दिया है और इसका बांग्ला और ओडिया में मतलब नाग का फन होता है पर क्या आप जानते हैं कैसे होता है तूफानों का नामकरण अगर नहीं तो आइये जानें कैसे होता है तूफानों का नामकरण - how do storms get their names
जानें कैसे होता है तूफानों का नामकरण - how do storms get their names
दरअसल सबसे पहले विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने चक्रवातों के नाम रखने की शुरुआत की प्रकिया शुरू की थी जानकारों के मुताबिक 1953 से अमेरिका के मायामी स्थित नेशनल हरीकेन सेंटर और वर्ल्ड मेटीरियोलॉजिकल ऑर्गनाइज़ेशन (डब्लूएमओ) की अगुवाई वाला एक पैनल तूफ़ानों और उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के नाम रखता था लेकिन वर्ष 2004 में डब्लूएमओ की अगुवाई वाला अंतरराष्ट्रीय पैनल भंग कर दिया गया. इसके बाद संबंधित देशों से अपने-अपने क्षेत्र में आने वाले चक्रवात का नाम ख़ुद रखने को कहा गया वर्ष 2004 में हिंद महासागर क्षेत्र के आठ देशों ने भारत की पहल पर चक्रवातीय तूफानों को नाम देने की व्यवस्था शुरू की. भारत के अलावा इनमें बांग्लादेश, पाकिस्तान, म्यांमार, मालदीव, श्रीलंका, ओमान और थाईलैंड शामिल हैं इसके बाद इन देशों ने 64 नामों की सूची बनाई और प्रत्येक देश की तरफ से 8 नाम दिये गये थे जैसे ही चक्रवात इन आठ देशों के किसी हिस्से में पहुंचता है, सूची में मौजूद अलग सुलभ नाम इस चक्रवात का रख दिया जाता है। इससे तूफान की न केवल आसानी से पहचान हो जाती है बल्कि बचाव अभियानों में भी इससे मदद मिलती है भारत सरकार इस शर्त पर लोगों की सलाह मांगती है कि नाम छोटे, समझ में आने लायक, सांस्कृतिक रूप से संवेदनशील और भड़काऊ न हों
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