जानें कौन थे ईश्वर चंद्र विद्यासागर - Know who is Ishwar Chandra Vidyasagar - अभी हाल ही में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की कोलकाता में हुई रैली में हुई हिंसा में ईश्वर चंद्र विद्यासागर की मूर्ती को तोडने का ममला सामने आया है इसे लेकर पश्चिम बंगाल मेें हिंंसा भडकी हुई है पर क्या आप जानते हैं कौन हैं ईश्वर चंद्र विद्यासागर अगर नहीं तो आइये जानें कौन थे ईश्वर चंद्र विद्यासागर - Know who is Ishwar Chandra Vidyasagar
ईश्वर चंद्र विद्यासागर का जीवन परिचय - biography of Ishwar Chandra Vidyasagar
- ईश्वर चंद्र विद्यासागर महान दार्शनिक, समाज सुधारक और लेखक थे
- इनका जन्म 26 सितंबर, 1820 को पश्चिम बंगाल के पश्चिमी मेदिनीपुर ज़िला में हुआ था
- इनके पिता का नाम ठाकुरदास बांदोपाध्याय और माता का नाम भगवती देवी था
- इनके बचपन का नाम ईश्वर चन्द्र बन्दोपाध्याय था
- इन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा गॉव में ही पूरी की और इसके बाद ये अपने पिता केे साथ कलकत्ता आ गये थे
- इनका विवाह 1834 में 14 साल की उम्र में दीनामनी देवी से कर दिया गया था
- इन्होंने कलकत्ता के संस्कृत कॉलेज, में दाखिला लिया जहां उन्होंने संस्कृत व्याकरण, साहित्य, वेदांत, स्मृति और खगोल विज्ञान का अध्ययन किया
- इन्होंने 1841 में अपनी पढ़ाई पूरी की और इसी बीच उन्होंने 1839 में अपनी लॉ की परीक्षा भी पूरी की
- उनका विविध विषयों का ज्ञान देखकर संस्कृत कॉलेज के विद्वानों ने 1880 ईस्वी में उन्हें विद्यासागर की उपाधि प्रदान की थी
- विद्यासागर जी 1841 में फोर्ट विलियम कॉलेज (FWC) में प्रवक्ता के रूप में भी कार्य किया था
- 'फ़ोर्ट विलियम कॉलेज' छोड़ने के बाद ईश्वर चन्द्र विद्यासागर 'संस्कृत कॉलेज' में बतौर सहायक सचिव नियुक्त हुए
- इसके बाद 1851 में वह संस्कृत कॉलेज के प्राधानचार्य नियुक्त किए गए थे
- इन्हें 1855 में स्कूल का विशेष निरीक्षक बनाया गया और उन्होंने बंगाल के आसपास यात्रा की और स्कूलों का दौरा किया
- इन्होंने शिक्षा के प्रकाश के प्रसार के लिए बंगाल में कई स्कूलों को स्थापित किया
- इन्होंने लैंगिक समानता को प्रोत्साहित करने के लिए लड़कियों के लिए विशेष रूप से 30 स्कूलों की स्थापना की
- विद्यासागर जी विधवाओं के पुनर्विवाह में कट्टर विश्वास रखते थे और इस मुद्दे को लेकर उन्होंने लोगों में जागरूकता पैदा करने की कोशिश की थी
- इन्होंने ब्रिटिश सरकार को विधवाओं के पुनर्विवाह के लिए प्रेरित किया और हिंदू विधवा पुनर्विवाह अधिनियम, 1856 को पारित करने के लिए उन्होंने दवाब दिया
- इन्होंने संस्कृत , बांग्ला , और अंग्रेजी में विभिन्न विषयों पर 50 पुस्तको की रचना की थी
- ईश्वर चन्द्र विद्यासागर का निधन 29 जुलाई, 1891 को कोलकाता में हुआ था
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