अरुण जेटली का जीवन परिचय - Biography of Arun Jaitley in hindi - भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व वृत्त मंत्री अरुण जेटली जिनका 24 अगस्त 2019 को को दोपहर 12:07 बजे 66 वर्ष की उम्र में दिल्ली के एम्स में निधन हो गया ये भारत के प्रसिद्ध अधिवक्ता एवं राजनेता थे तो आइये जानते हैं अरुण जेटली का जीवन परिचय - Biography of Arun Jaitley in hindi
अरुण जेटली के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी - Important information about Arun Jaitley
- अरूण जेटली का जन्म 28 दिसम्बर 1952 नई दिल्ली में हुआ था
- इनके पिता का नाम महाराज किशन जेटली और माता का नाम रतन प्रभा जेटली था
- इनके पिता पेशे से एक वकील थे
- इनकी प्रारंभिक शिक्षा नई दिल्ली के सेंट जेवियर स्कूल में हुई
- इसके बाद इन्होंने 1973 में श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से कॉमर्स में स्नातक की पढ़ाई पूरी की
- इसके बाद इन्होंने 1977 में दिल्ली विश्वविद्यालय में लॉ विभाग से लॉ की ड्रिग्री हासिल की
- ये 1974 में दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र संगठन के अध्यक्ष भी रहे थे
- ये सन् 1974-77 में 19 महीनों तक आपातकाल के दौरान नजरबंद रहने के बाद ये जनसंघ में शामिल हो गए
- इन्होने उच्चतम न्यायालय तथा देश के विभिन्न उच्च न्यायालयों में वकालत भी की थी
- अरुण जेटली ने 24 मई 1982 को संगीता जेटली से विवाह किया इनके दो बच्चे, पुत्र रोहन और पुत्री सोनाली हैं
- अरुण जेटली ने 1990 में उच्चतम न्यायालय में वरिष्ठ वकील में रूप में अपनी नौकरी शुरू की
- सन् 1989 में ये अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल नियुक्त किए गए जून 2009 से जेटली ने वकालत करना बंद कर दिया था
- जेटली जी 1991 से भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य थे
- वह 1999 के आम चुनाव से पहले की अवधि के दौरान भाजपा के प्रवक्ता बन गए थे
- इन्हें 13 अक्टूबर 1999 को जेटली सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नियुक्त किया गया था
- इन्होने 23 जुलाई 2000को कानून, न्याय और कंपनी मामलों के केंद्रीय कैबिनेट मंत्री के रूप में राम जेठमलानी के इस्तीफे के बाद कानून, न्याय और कंपनी मामलों के मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार भी संभाला था
- इन्हें 3 जून 2009 को एल.के.आडवाणी द्वारा राज्यसभा में विपक्ष के नेता के रूप में चुना गया था
- राज्यसभा में विपक्ष के नेता के रूप में इन्होंने राज्यसभा में महिला आरक्षण विधेयक की बातचीत के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और जन लोकपाल विधेयक के लिए अन्ना हजारे का समर्थन किया
- इन्होंने 16 जून 2009 को अपनी पार्टी के वन मैन वन पोस्ट सिद्धांत के अनुसार भाजपा के महासचिव के पद से इस्तीफा दे दिया
- अरूण जेटली बीसीसीआई के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं उन्होंने 2014 के आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग प्रकरण के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था
- अरुण जेटली ने ही 2014 में भारत के प्रधानमंत्री पद के लिए नरेंद्र मोदी के नाम का सुझाव सबसे पहले दिया था
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