देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 24 अप्रैल को सुबह 11 बजे राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर देशभर के सरपंचों से वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से संवाद किया और ई ग्राम स्वराज (e-GramSwaraj) पोर्टल, मोबाइल ऐप एवं स्वामित्व योजना (swamitva yojana) का शुभारंभ किया आइये जानें क्या है ई ग्राम स्वराज पोर्टल और स्वामित्व योजना - what is e-gramswaraj portal and swamitva yojana
जानें क्या है ई ग्राम स्वराज पोर्टल और स्वामित्व योजना - what is e-gramswaraj portal and swamitva yojana
24 अप्रैल को देश के सरपंचों को विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बात करते हुऐ कहा कि गांव के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए सरकार द्वारा ये दो महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट शुरू किया गए हैं आपकी जानकारी के लिए बतादें कि देश में कुल गॉवों की संख्या 6 लाख 40 हजार 867 है और देश में करीब ढाई लाख ग्राम पंचायत हैं ग्रामीण आवादी की बात करें तो देश के गॉवों में करीब 83 करोड 30 लाख 87 हजार 662 लोग निवास करते हैं इन सभी को ध्यान में रखते हुऐ ये सेवायें शुरू की गई हैं
ई ग्राम स्वराज पोर्टल (e-gramswaraj portal)
भारत सरकार के पचायती राज मंत्रालय द्वारा शुरू किये गये इस पोर्टल पर भारत के ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़ी सभी जानकारियां एक साथ मिलेंगी यहॉ ग्राम पंचायतों के फंड, उसके कामकाज की पूरी जानकारी होगी इसके माध्यम से पार्दशिता भी आएगी और परियोजनाओं के काम में भी तेजी आएगी इस पोर्टल पर ग्रामपंचायत में खर्च होने वाले फंड और विकास कार्य और आने वाली योजनाओं के बारे में भी जानकारी होगी यह ई-ग्राम स्वराज पोर्टल और ऐप पंचायतों का लेखाजोखा रखने वाला सिंगल डिजिटल प्लेटफॉर्म होगा इस पोर्टल और ऐप के माध्यम से कोई भी व्यक्ति अपनी पंचायत में हो रहे कामों की बारे में जानकारी ले सकता है और वो जान सकता है कि किस योजना में कितना पैसा खर्च हुआ है
स्वामित्व योजना (swamitva yojana)
इस योजना के बारे में पीएम मोदी ने कहा कि गांवों में संपत्ति को लेकर झगड़े होते रहते हैं. इसकी एक बड़ी वजह यह होती है कि उस संपत्ति का काई लेखा-जोखा नहीं होता है लेकिन अब इस योजना में ड्रोन के जरिए देश के हर गांव में भूमि की मैपिंग की जाएग इसके बाद भूमि का स्वामित्व का प्रमाणपत्र दिया जाएगा इसमें एक बड़ी बात यह होगी कि पहले गांवों की जमीन पर बैंक से लोन नहीं मिलता है क्योंकि आपके पास उस भूमि के स्वामी होने का कोई प्रमाणपत्र नहीं होता था लेकिन अब भूमि का प्रमाणपत्र जारी होने के बाद उस संपत्ति के जरिए लोन भी लिया जा सकेगा इस योजना के जरिए गांवों में सामाजिक जीवन पर बड़ा असर पड़ सकता है बैंकों से लोन लेकर कई लोग अपना काम भी शुरू कर सकते हैं हालांकि अभी इस योजना को उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तराखंड और कर्नाटक सहित 6 राज्यों में ड्राइल के रूप में शुरू किया जाएगा उसके बाद पूरे देश में इसे लागू कर दिया जाऐगा
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