अगर काेई आपसे कहे कि मुझे दो मिनट में कुछ ऐसा खाने के लिए बना कर दो जो मुझे अच्छा और स्वादिष्ट लगे तो आप क्या बनायेंगे सोचो और सोचो सही कहा मैगी ना क्योंकि केवल मैगी ही ऐसा फूड प्रोडक्ट है जो दो मिनट में तैयार हो जाता है लेकिन क्या आप जानते हैं इसको इतिहास के बारे में अगर नहीं तो आइये जानते हैं मैगी का इतिहास - History of Maggi in Hindi
मैगी का इतिहास - History of Maggi in Hindi
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मैगी का इतिहास काफी पुराना है मैगी नूडल्स (Maggi noodles) बनाने वाले का नाम जूलियस माइकल जोहानस मैगी (Julius Michael Johannes Maggie) था इनका जन्म 9 अक्टूबर 1846 को हुआ था वो स्विट्जरलैंड के रहने वाले थे उन्हीं के नाम पर मैगी का नाम 'मैगी' पड़ा था असल में जूलिसस माइकल आपने पिता आटे की फैक्ट्री में हाथ बटाने लगे थे लेकिन ये काम ज्यादा अच्छा नहीं चल रहा था तो 1886 में उन्होंने सोचा कि वो ऐसे खाद्य पदार्थ बनाएंगे, जो जल्दी से पक जाए ये वो समय था जब स्विट्ज़रलैंड का मील उद्योग बहुत बुरे दौर से गुज़र रहा था इसलिए Julius एक चिकित्सक Fridolin Schuler के साथ मिलकर एक रेडीमेड फ़ूड बनाने में जुट गए. ऐसा फ़ूड जो रेडी टू ईट मतलब जो झटपट तैयार हो जाए बस यही से मैगी की शुरुआत हुई थी साल 1897 में सबसे पहले जर्मनी में मैगी नूडल्स पेश किया गया था चूंकि इसे वर्किंग क्लास के लोगों को ध्यान में रख कर बनाया गया था तो स्विट्ज़रलैंड की सरकार ने इसे सपोर्ट किया इसकी मदद से सरकार महिलाओं को बाहर निकलकर काम करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहती थी उस समय महिलाओं ने पुरुषों की तरह ही नौकरी करना बस शुरू ही किया था इसके बाद इन्होंने कई अलग- अलग प्रकार के सूप मार्केट में उतारे. वो भी मैगी जितने पसंद किए गए. इसके बाद मैगी एक फ़ेमस ब्रैंड बन चुका था. इसकी सफ़लता को देखते हुए उन्होंने पेरिस, बर्लिन, सिंगेन, वियना(Vienna), लंदन और कुछ अमेरिकी शहरों में भी मैगी को बेचना शुरू कर दिया था
भारत में मैगी (Maggie in India)
अगर हम भारत की बात करें तो भारत में 1980 में नेस्ले इंडिया (Nestle India) नाम की कंपनी ने मैगी को शुरू किया था दसअसल 1947 में नेस्ले ने मैगी का अधिग्रहण कर लिया
फिल्म स्टार प्रीति जिंटा, माधुरी दीक्षित और अमिताभ बच्चन मैगी के ब्रांड एंबेसडर रह चुके है 15 मई, 2015 को, भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण ने बताया कि '2 मिनट मैगी' नूडल्स के नमूनों में एमएसजी (मोनोसोडियम ग्लूटामेट) के अप्रत्याशित स्तर के साथ-साथ सीसे की स्वीकार्य सीमा 17 गुना अधिक थी। बिग बाज़ार, इज़ीडे और नीलगिरी जैसे कुछ सबसे बड़े खुदरा विक्रेताओं ने मैगी पर प्रतिबंध लगा दिया 6 जून 2015 को केंद्र सरकार ने मैगी पर देशव्यापी प्रतिबंध की घोषणा की थी मैगी को सरकार के दबाव के कारण बाज़ार से 320 करोड़ रुपये का स्टॉक वापस लेना पड़ा हांलाकि नवंबर 2015 में मैगी ने अपने आप को सही सावित किया एक बार फिर से भारतीय बाजार में सफल वापसी की और मैगी ने 30 नवंबर 2015 को भारत में सभी पांच फैक्ट्रीयों में अपना उत्पादन फिर से शुरू किया
भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण के एक बयान के अनुसार देशव्यापी प्रतिबंध से पहले मैगी की भारत के बाजार में 90% हिस्सेदारी थी जबकि बाद में ये हिस्सेदारी घटकर 53% रह गई
कई लोगों का प्रश्न है कि जब मैगी 2 मिनट में नहीं बनती है तो कंपनी ऐसा क्यों कहती है कि मैगी 2 मिनट में तैयार हो जाती है मैं आपको बता दूॅ कि अगर आप मैगी पर लिखें इंट्रक्शन को फॉलो करेंगें तो ये 2 ही मिनट में बनेंगी लेकिन अगर आप इसे अपने तरीके से बनायेंगे तो इसे बनाने में समय लेगेगा
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