उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने 11 जुलाई को यूपी के लिए नई जनसंख्या नीति लागू की है इससे पहले यूपी में वर्ष 2000 में जनसंख्या नीति लाई गई थी ये नई जनसंख्या नीति 2021-30 जारी रहेगी तो आइये जानें क्या है यूपी की नई जनसंख्या नीति - know what is new population policy of up
जानें क्या है यूपी की नई जनसंख्या नीति - know what is new population policy of up
- जनसंख्या नीति में जन्म दर को प्रदेश में 2026 तक 2.1% और 2030 तक 1.9% तक लाने का लक्ष्य रखा गया है
- मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग की ओर से विकसित किए गए 'उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य केंद्र' नामक मोबाइल एप को भी इस अवसर पर लांच किया
- इस मोबाइल एप के जरिए प्रदेश के सभी जिलों में जिला अस्पतालों, सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की स्थिति की जानकारी हासिल की जा सकेगी
- इस एप के माघ्यम से अस्पतालों में उपलब्ध बेड, डाक्टरों की संख्या और दवाओं के बारे में जानकारी मिल सकेगी
- इस नीति में दो से अधिक बच्चे वालों को स्थानीय निकाय चुनाव (नगर निकाय से लेकर पंचायत चुनाव तक) से वंचित रखे जाने की अहम सिफारिश राज्य विधि आयोग ने की है
- इस नीति के पालन का शपथपत्र लिए जाने तथा नियम तोडऩे पर उनका निर्वाचन रद किए जाने की सिफारिश की है
- इस नीति में राजस्थान व मध्य प्रदेश की तरह सूबे में भी दो से अधिक बच्चे वालों को सरकार नौकरी से दूर रखे जाने की सिफारिश शामिल है
- ऐसे अभिभावक जिनके दो बच्चे हैं वे राज्य सरकार की किसी भर्ती में आवेदन नहीं कर सकेंगे उन्हें सरकारी योजनाओं के लाभ से भी वंचित रखा जाएगा
- अगर एक से अधिक विवाह करने वाले व्यक्ति के सभी पत्नियों से यदि दो से अधिक बच्चे हैं तो उसे सुविधाओं का लाभ नहीं मिलेगा हालांकि हर पत्नी उसके दो बच्चे होने पर सुविधाओं का लाभ ले सकेगी
- अगर ऐसे ही किसी महिला के एक से अधिक विवाह करने पर उसके अलग-अलग पतियों से दो से अधिक बच्चे होने पर उसे भी सुविधाओं से वंचित होना होगा
- सभी सरकारी अधिकारियों व कर्मियों से सीमित परिवार का शपथपत्र लेने तथा नियम तोडऩे पर उनकी पदोन्नति रोके जाने व सेवा से बर्खास्त किए जाने तक की सिफारिश की गई है
- जिन सरकारी कार्मिकों का परिवार सीमित रहेगा और वह मर्जी से नसबंदी कराते हैं तो उन्हें दो अतिरिक्त इंक्रीमेंट, पदोन्नति, आवास योजनाओं में छूट, पीएफ में कर्मी का कंट्रीब्यूशन बढ़ाने व ऐसे अन्य लाभ दिए जाने की सिफारिशें हैं
- जो पति पत्नी सरकारी नौकरी में नहीं है, उन्हें सीमित परिवार रखने पर पानी, बिजली, गृह व अन्य करों में छूट मिलेगी
- एक संतान पर मर्जी से नसबंदी कराने वाले अभिभावकों की संतान को 20 साल तक मुफ्त इलाज, शिक्षा व बीमा के साथ नौकरियों में वरीयता दिए जाने की तैयारी है
- गरीबी रेखा के नीचे निवास करने वाले ऐसे दंपती को बेटे के लिए 80 हजार रुपये व बेटी के लिए एक लाख रुपये एकमुश्त दिए जाएंगे
- इस नीति में परिवार नियोजन कार्यक्रम के अंतर्गत गर्भ निरोधक उपायों की पहुंच बढ़ाने और स्वास्थ्य सुविधा बेहतर करने पर जोर रहेगा
- इस नीति के तहत स्कूलों में 'हेल्थ क्लब' बनाए जाऐंगे
- इस नीति के जरिये वर्ष 2026 तक महिलाओं द्वारा सूचित और स्व निर्णय के माध्यम से सकल प्रजनन दर-2.1 और वर्ष 2030 तक सकल प्रजनन दर 1.9 लाने का लक्ष्य तय किया गया है
- इसके तहत आधुनिक गर्भनिरोधक प्रचलन दर को बढ़ाने के लिए रणनीति को प्राथमिकता दी जाऐगी
- उत्तर प्रदेश सरकार अब परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत सरकार गर्भ निरोधक उपायों की सुलभता को बढ़ाएगी और सुरक्षित गर्भपात की समुचित व्यवस्था देने का प्रयास भी करेगी
- नई नीति में वर्ष 2026 तक जन्मदर को प्रति हजार आबादी पर 2.1 तक तथा वर्ष 2030 तक 1.9 तक लाने का लक्ष्य रखा गया है
- इसके साथ ही डिजिटल हेल्थ मिशन की भावनाओं के अनुरूप प्रदेश में अब नवजातों, किशोरों व बुजुर्गों की डिजिटल ट्रैकिंग भी कराने की योजना है
- स्कूल के पाठ्यक्रम में जनसंख्या नियंत्रण का भी अध्याय होगा
- महिला व पुरुष नसबंदी के असफल होने पर अनचाहे गर्भ में छूट मिलेगी
- अगर किसी दंपति का नसबंदी आपरेशन की विफलता साबित होता है तो उन्हें 50 हजार रुपये का मुआवजा दिया जाऐगा
- पहला, दूसरा या दोनों ही बच्चे नि:शक्त हैं तो वह तीसरी संतान पर सुविधाओं से वंचित नहीं होगा
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