देश के पहले स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत भारतीय नौसेना में शामिल हो चुका है. प्रधानमंत्री मोदी ने इसे नौसेना में शामिल किया यह भारत के समुद्री इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा जंगी जहाज है तो आइये जानें INS विक्रांत के बारे में सबकुछ - Know everything about INS Vikrant
जानें INS विक्रांत के बारे में सबकुछ - Know everything about INS Vikrant
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- स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत को कोचीन शिपयार्ड (Cochin Shipyard) में 20,000 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है
- आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) पर तीन तरह के एयरक्राफ्टटस मिग-29 (MiG-29) फाइटर जेट, रोमियो हेलिकॉप्टर (Romeo Helicopter), और कामोव हेलिकॉप्टर (Kamov helicopter) तैनात हैं
- इस विमानवाहक युद्धपोत पर 30 से 35 एयरक्राफ्ट तैनात किए जा सकते हैं
- इसकी लंबाई 262 मीटर वजन करीब 45000 टन इसकी ऊंचाई करीब 59 मीटर और चौड़ाई की बात करें तो यह 62 मीटर चौड़ा है
- इस की टॉप स्पीड 28 नॉट्स है और ये एक बार में 14 हजार किलोमीटर की दूरी तय कर सकता है
- इस पर करीब 1700 नौसैनिक तैनात किए जा सकते हैं.
- इसमें महिला अधिकारियों और महिला अग्निवीरों के लिए खास व्यवस्था की गई है
- विक्रांत की किचन में एक दिन में 4800 लोगों का खाना तैयार किया जा सकता है
- आईएनएस विक्रांत में एक छोटा अस्पताल भी बनाया गया है जिसमें 16 बेड मौजूद हैं. इसके अलावा ये 18 मंजिला युद्धपोत है. जिसमें 250 तेल के टैंकर मौजूद हैं.
- इसे बनाने का काम वर्ष 2009 में शुरू हुआ और सितम्बर 2022 तक ये बनकर तैयार हुआ इसे पूरी तरह ऑपरेशनल होने में जून 2023 तक का वक्त लगेगा
- इसमें अगर एक बार ईंधन भर दिया जाए तो 45 दिन तक समुद्र में रह सकता है इसे समुद्र में ही रिफिल भी किया जा सकता है
- 'INS विक्रांत का हिस्सा पूरी तरह भारतीय है इसके बनने के साथ ही भारत उन चुनिंदा देशों की गिनती में शामिल हो गया है जो एयरक्राफ्ट कैरियर डिजाइन करने और बनाने में सक्षम हैं
- इसे बनाने में 500 से ज्यादा भारतीय कंपनियां शामिल हुईं हैं
- दुनिया में केवल अमेरिका, रूस, ब्रिटेन और फ्रांस के पास ही 40 हजार और इससे ज्यादा वजन वाले विमान वाहक जहाज का निर्माण करने की क्षमता है
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