जानें देश के पहले मकड़ालय के बारे में - Know about the india first arecanarium - भारत सरकार ने उष्णकटिबंधीय वन अनुसंधान संस्थान (Tropical Forest Research Institute) जबलपुर में देश का पहला मकडालय बनाया है यहॉ आकर न केवल आप दूर-दूर से मकड़ियों को देख सकते हैंं बल्कि उनके साथ फोटोग्राफी कराने का आनंद भी उठा सकते हैंं तो आइये जानें देश के पहले मकड़ालय के बारे में - Know about the india first arecanarium
जानें देश के पहले मकड़ालय के बारे में - Know about the india first arecanarium
यह भी पढें - जानें क्या है करतारपुर कॉरीडोर- इस मकड़ालय में 150 तरह की मकड़ीयॉ रखी गई हैं
- यहां पेड़-पौधों के पत्तों पर, घास के तिनकों पर, चट्टानों पर.. यहां-वहां-जहां-तहां, चारों ओर अलग-अलग रंग-रूप और आकार-प्रकार की मकड़ियां दिखाई देती हैं
- 20 साल की मेहनत के बाद डॉ.सुमित चक्रवर्ती ने देश के अलग-अलग हिस्सों से इन प्रजातियों को जुटाया है
- डॉ. सुमित चक्रवर्ती के अनुसार इन मकड़ीयों के जहर से कई दवाइयॉ बनाई जा सकती हैं
- यहॉ मकड़ालय में पहले एक लैब बनाया गया है जहां मकड़ियों की ब्रीडिंग और पहचान का कार्य किया जाता है
- यह मकड़ालय स्कूल-कॉलेज के स्टूडेंट्स के साथ अन्य लोगों के लिए भी खोला गया है
- दुनियाॅॅ भर में मकड़ियों की लगभग 46572 प्रजातियां पाई जाती हैं
- भारत में 1500 प्रजातियों की मकड़ियां पाई जाती हैं
- मकड़ियों की लंबाई 0.5 मिलीमीटर से लेकर 7 इंच तक हो सकती है
- इनका वजन लगभग 0.2 ग्राम से 50 ग्राम तक हो सकता है
- एक मकड़ी के आठ पैर, आठ आंखें और पेट के आठ भाग होते हैं
- पूरी दुनिया में अभी तक लगभग 100 लोगों की मौत मकड़ी के काटने से हो चुकी हैं
- मकड़ियों में नेफिला कुहली प्रजाति की जायंट वुड स्पाइडर के जाले से अमेरिका में सेना के लिए बुलेट प्रूफ जैकेट तक बनाई गई है
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